पेरिस। ओलंपिक फाइनल से अयोग्य करार दिए जाने के खिलाफ भारतीय पहलवान विनेश फोगाट की खेल पंचाट के तदर्थ प्रभाग में अपील की सुनवाई यहां पूरी हो गई और भारतीय ओलंपिक संघ ने कहा कि उसे सकारात्मक समाधान की आशा है।
खेलों के दौरान विवाद समाधान के लिए विशेष रूप से स्थापित कैस के तदर्थ प्रभाग ने विनेश की अपील स्वीकार ली। विनेश ने स्वर्ण विजेता सारा एन हिल्डेब्रांट के खिलाफ फाइनल की सुबह 100 ग्राम अधिक वजन होने के कारण अयोग्य ठहराकर बाहर किए जाने के खिलाफ अपील की थी।
हक में फैसला होने की संभावना
आईओए ने एक बयान में कहा, ‘भारतीय ओलंपिक संघ को आशा है कि पहलवान विनेश फोगाट द्वारा खेल पंचाट (कैस) के तदर्थ प्रभाग के समक्ष उनके वजन में विफलता के खिलाफ दायर आवेदन का सकारात्मक समाधान होगा।’
विनेश की जगह फाइनल में क्यूबा की पहलवान युस्नेलिस गुजमान लोपेज उतरीं, जो सेमीफाइनल में उनसे हार गई थीं। भारतीय पहलवान ने अपनी अपील में लोपेज के साथ संयुक्त रजत पदक दिए जाने की मांग की है, क्योंकि मंगलवार को अपने मुकाबलों के दौरान उनका वजन निर्धारित सीमा के अंदर था। विनेश का पक्ष जाने माने सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे और विदुष्पत सिंघानिया ने रखा।
तीन घंटे तक चली सुनवाई
आईओए ने कहा, ‘चूंकि मामला अभी विचाराधीन है तो आईओए इतना ही कह सकता है कि एकमात्र पंच डाक्टर अनाबेल बेनेट एसी एसी (ऑस्ट्रेलिया ) ने सभी पक्षों विनेश फोगाट, युनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग, अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति और आईओए की बातें करीब तीन घंटे तक सुनीं।’
सभी संबंधित पक्षों को सुनवाई से पहले अपना विस्तृत कानूनी हलफनामा जमा करने का अवसर दिया गया था। उसके बाद मौखिक बहस हुई।
पीटी उषा ने दिया धन्यवाद
आईओए ने कहा, ‘एकमात्र पंच ने संकेत दिया कि आदेश का कार्यकारी हिस्सा जल्दी ही आएगा जबकि विस्तृत निर्णय बाद में सुनाया जाएगा।’ आईओए अध्यक्ष पीटी ऊषा ने सुनवाई के दौरान सहयोग और दलीलों के लिए साल्वे, सिंघानिया और क्रीडा कानूनी टीम को धन्यवाद दिया।
ऊषा ने कहा, ‘आईओए मानता है कि विनेश का साथ देना उसका फर्ज है और मामले का नतीजा चाहे जो हो, हम उसके साथ खड़े हैं। हमें उसकी उपलब्धियों पर गर्व है।’ इससे पहले तदर्थ विभाग ने कहा था कि परिणाम रविवार को पेरिस ओलंपिक के समापन से पहले आ सकता है।