लखनऊ। यूपी 112 की महिला संवाद अधिकारियों के धरना-प्रदर्शन का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। शासन ने इसी बीच एडीजी यूपी 112 अशोक कुमार को हटा दिया है। एडीजी प्रशासन नीरा रावत को एडीजी यूपी 112 बनाया गया है। महिला कर्मियों के विवाद का जल्द निस्तारण कराने व उन्हें समझाने के लिए एक महिला अधिकारी को पहली बार यूपी 112 की कमान सौंपी गई है।
महिला कर्मी अपनी सेवा शर्तों व वेतन विसंगति की मांगों को लेकर आंदोलित हैं। महिला कर्मियों के धरना-प्रदर्शन को लेकर विपक्षी दलों ने सरकार को घेरा भी है। शासन ने इसके अलावा कार्यवाहक डीजीपी विजय कुमार से डीजी सीबीसीआईडी का पदभार ले लिया है। उनके पास डीजी विजिलेंस का भी प्रभार है। डीजी सहकारिता प्रकोष्ठ आनन्द कुमार को डीजी सीबीसीआईडी बनाया गया है। गोंडा में दलित बुजुर्ग की हत्या के मामले की जांच 14 बार बदले जाने को लेकर बीते दिनों सीबीसीआईडी की कार्यशैली पर बड़े सवाल खड़े हुए थे।
गोंडा के तरबगंज क्षेत्र में वर्ष 2017 में दलित समुदाय के रमई की हत्या के मुकदमे की विवेचना 14 बार बदली गई थी। आरोप है कि प्रार्थनापत्र में स्वर्गीय रमई की पत्नी सुंदरपति का फर्जी अंगूठा लगाकर हत्या व एससी-एसटी एक्ट के तहत दर्ज मुकदमे की जांच 14 बार बदली गई। पहले अलग-अलग तीन जिलों की पुलिस ने मुकदमे की विवेचना की और फिर जांच सीबीसीआईडी को सौंप दी गई थी।
मामला संज्ञान में आने पर प्रमुख सचिव, गृह संजय कुमार ने डीजी सीबीसीआइडी को पूरे मामले की जांच कराने का निर्देश दिया था। जिस पर चौदह बार विवेचना बदले जाने की जांच सीबीसीआइडी गोरखपुर सेक्टर के एसपी गिरिजेश कुमार को सौंपी गई थी। वहीं कैबिनेट ने बीते दिनों ही सहकारिता प्रकोष्ठ को सीबीसीआईडी में संविलीन किए जाने के निर्णय को मंजूरी दी थी। जिसके बाद डीजी सहकारिता प्रकोष्ठ का पद तकनीकी रूप से डीजी सीबीसीआईडी के अधीन आ गया है। आनन्द कुमार व विजय कुमार दोनों ही 1988 बैच के आइपीएस अधिकारी हैं और आन्नद कुमार वरिष्ठता क्रम में विजय कुमार से आगे हैं।