लखनऊ-आईआईआईटी के दीक्षांत-समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का संबोधन, कहा- 2047 तक भारत को विकसित बनाना युवाओं का कर्तव्य

लखनऊ। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित पाठ्यक्रम भविष्य में आने वाली चुनौतियों का समाधान करेंगे। लखनऊ में भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान के दूसरे दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने संस्थान के पहली बार डिजिटल एमबीए पाठ्यक्रम शुरू करने पर प्रसन्नता व्यक्त की।

छात्रों को बधाई देते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि देश के विकास के लिए काम करना और 2047 तक भारत को विकसित देश बनाना उनका कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि हमें हर समस्या के रचनात्मक समाधान तलाशने होंगे, ताकि समाज के अंतिम व्यक्ति तक लाभ पहुंच सके।

इस अवसर पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, लखनऊ सर्वांगीण शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रहा है। संस्थान में नई शिक्षा नीति लागू की है और छात्रों के मानसिक और शारीरिक स्‍वास्‍थ्‍य के लिए योग और खेलों को पाठ्यक्रम में शामिल किया है। उन्होंने यह भी कहा कि बाजार की बदलती मांगों को समझना आवश्यक है क्योंकि पूरा विश्व भारत की ओर देख रहा है।

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छात्रों से राष्ट्र निर्माण में योगदान देने की अपील की। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। उत्तर प्रदेश सरकार इस दिशा में काम कर रही है और भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान के छात्र इसमें योगदान कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि युवाओं को भारत को पांच ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए काम करना चाहिए।

इससे पहले राष्ट्रपति मुर्मु ने कल वाराणसी में महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के 45वें दीक्षांत समारोह को संबोधित किया। उन्होंने लखनऊ में डिवाइन हार्ट फाउंडेशन के 27 वर्ष पूरे होने पर आयोजित समारोह में भी भाग लिया।

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