नई दिल्ली- पिछले कुछ महीनों से लगातार संकट से जूझ रहे बांग्लादेश में अब बिजली की कमी की समस्या भी खड़ी हो गई है. ऐसा हुआ है भारत की अडानी पावर के पूर्ण-स्वामित्व वाली अनुषंगी अडानी पावर झारखंड लिमिटेड (एपीजेएल) ने 84.6 द्वारा बांग्लादेश को दी जाने वाली बिजली सप्लाई में 50 फीसदी की कटौती करने से.
अडानी पावर ने यह कदम 84.6 करोड़ डॉलर का बिल बकाया होने के चलते उठाया है. बकाया भुगतान के लिए अडानी पावर लंबे समय से बांग्लादेश से गुजारिश कर रहा था. अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी ने भी कार्यवाहक प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनूस को पैसे के भुगतान के लिए पत्र लिखा था.
समाचार पत्र ‘डेली स्टार’ में शुक्रवार को प्रकाशित एक खबर के मुताबिक, पावर ग्रिड बांग्लादेश पीएलसी के आंकड़ों से पता चला है कि अदानी समूह के बिजली संयंत्र ने गुरुवार रात को आपूर्ति कम कर दी थी. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश ने गुरुवार और शुक्रवार के बीच की रात में 1,600 मेगावाट से अधिक बिजली की किल्लत की सूचना दी. इसकी वजह यह है कि करीब 1,496 मेगावाट क्षमता वाला संयंत्र अब एक इकाई से 700 मेगावाट बिजली का ही उत्पादन कर रहा है.
बकाये के लिए लिखा था ऊर्जा सचिव को पत्र
इससे पहले अडानी पावर ने बांग्लादेश के ऊर्जा सचिव को एक पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि बांग्लादेश बिजली विकास बोर्ड (पीडीबी) से 30 अक्टूबर तक बकाया राशि का भुगतान करने को कहा जाए. अडानी समूह की कंपनी ने 27 अक्टूबर को लिखे पत्र में कहा था कि यदि बकाया बिलों का भुगतान नहीं होता है तो वह 31 अक्टूबर को बिजली आपूर्ति निलंबित करके बिजली खरीद समझौते (PPA) के तहत उपचारात्मक कदम उठाने के लिए बाध्य होगी.
कंपनी ने कहा कि पीडीबी ने न तो बांग्लादेश कृषि बैंक से 17 करोड़ डॉलर की राशि की ऋण सुविधा दी है और और न ही 84.6 करोड़ डॉलर की बकाया राशि का भुगतान किया है. समाचार पत्र ने पीडीबी के एक अधिकारी के हवाले से कहा कि पिछले बकाये का एक हिस्सा पहले चुका दिया गया था, लेकिन जुलाई से एपीजेएल पिछले महीनों की तुलना में अधिक शुल्क ले रही है. उन्होंने कहा कि पीडीबी हर सप्ताह करीब 1.8 करोड़ डॉलर का भुगतान कर रहा है, जबकि शुल्क 2.2 करोड़ डॉलर से अधिक है. बकाया भुगतान फिर से बढ़ने की यही वजह है.