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नई दिल्ली। कांग्रेस विधायक दल के नेता ए. रेवंत रेड्डी ने गुरुवार को तेलंगाना के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. राज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन ने रेवंत रेड्डी को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई. शपथ लेने के तुरंत बाद उन्होंने एक चुनावी वादा पूरा किया. रेड्डी ने चुनाव के दौरान वादा किया था कि जनता के लिए सीएम आवास के सभी दरवाजे खुले रहेंगे. उनके वादे को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय के सामने लगे लोहे के बैरिकेड्स को हटाए जाने का कार्य गुरुवार को शुरु हो गया. जानकारी के अनुसार बैरिकेड्स को हटाने के लिए आवास के बाहर कई बुलडोजर, ट्रैक्टर और मजदूर पहुंचे थे.

रेवंत रेड्डी के साथ कई मंत्रियों ने ली शपथ
रेवंत रेड्डी ने आज एक भव्य कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. रेवंत रेड्डी के अलावा, मल्लू बी. विक्रमार्क (उपमुख्यमंत्री), एन. उत्तम कुमार रेड्डी, कोमाटिरेड्डी वेंकट रेड्डी, सी. दामोदर राजनरसिम्हा, डी. श्रीधर बाबू, पोंगुलेटी श्रीनिवास रेड्डी, पोन्नम प्रभाकर, कोंडा सुरेखा, डी. अनसूया, तुम्मला नागेश्वर राव और जुपल्ली कृष्णा राव ने मंत्री पद की शपथ ली. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, वरिष्ठ कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाद्रा और कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया यहां एलबी स्टेडियम में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए.

रेवंत रेड्डी 6 ‘चुनावी गारंटी’ पूरी करने की चुनौती

पहली गारंटी- महिला-केंद्रित वेलफेयर प्रोग्राम के अंतर्गत महिलाओं के लिए 2500 रुपये हर महीने, 500 रुपये में गैस सिलेंडर और पब्लिक ट्रांसपोर्ट में मुफ्त सफर दिया जाएगा.

दूसरी गांरटी- कांग्रेस ने 10 लाख रुपये का हेल्थ इंश्योरेंस देने का भी वादा किया है.

तीसरी गारंटी- घर के लिए जगह और घर बनवाने के लिए 5 लाख रुपये दिए जाएंगे.

चौथी गारंटी- गृह ज्योति स्कीम के तहत पात्र घरों को 200 यूनिट बिजली फ्री दी जाएगी.

पांचवीं गारंटी– युवा विकासम स्कीम में यंग स्टूडेंट्स को 5 लाख रुपये दिए जाएंगे.

छठी गारंटी- बुजुर्गों, विधवाओं, दिव्यांगों, बीड़ी मजदूर, सिंगल वुमेन, बुनकरों, एड्स एंड फाइलेरिया पेशेंट्स के साथ-साथ डायलिसिस से गुजरने वाले किडनी पेशेंट्स को हर महीने 4000 रुपये की पेंशन दी जाएगी.

अब तक का राजनीतिक सफर
कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को ‘भारत जोड़ो’ यात्रा के ज़रिये चुनाव लड़ने की प्रेरणा देने का श्रेय देने वाले रेवंत रेड्डी का जन्म महबूबनगर जिले के कोंडारेड्डी पल्ली में 8 नवंबर, 1969 को हुआ था. छात्र जीवन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्य रहे रेवंत वर्ष 2006 में स्थानीय राजनीति में उतरे थे, और पहली बार में ही निर्दलीय के तौर पर मिडजिल मंडल से ज़ेडपीटीसी सदस्य चुने गए. अगले ही साल, यानी 2007 में वह निर्दलीय के तौर ही पहली बार विधान परिषद सदस्य चुने गए.

पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा
उस्मानिया यूनिवर्सिटी के ए.वी. कॉलेज से कला स्नातक की डिग्री पाने वाले रेवंत रेड्डी बाद में तेलुगूदेशम पार्टी प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू से मुलाकात के बाद में शामिल हो गए. वर्ष 2009 में उन्होंने पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा, और प्रत्याशी के रूप में कांग्रेस के पांच बार के विधायक गुरुनाथ रेड्डी को पराजित कर दिया. इसके बाद अविभाजित आंध्र प्रदेश से तेलंगाना विधानसभा के लिए वर्ष 2014 में उन्होंने एक बार फिर कोडांगल सीट से टीडीपी प्रत्याशी के रूप में गुरुनाथ रेड्डी को पराजित किया, और इसके बाद उन्हें टीडीपी की ओर से सदन में नेता चुन लिया गया.

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