राजस्थान के भीलवाड़ा में एक महिला की दर्दनाक मौत हो गई, जिसके लिए परिजनों ने एंबुलेंस को दोषी ठहराया. उन्होंने आरोप लगाया कि अस्पताल पहुंचने पर करीब 15 मिनट एंबुलेंस का दरवाजा नहीं खुला, जिस वजह से महिला को इलाज मिलने में देरी हुई और उसने एंबुलेंस में ही दम तोड़ दिया. इसके साथ ही ये भी आरोप लगाया जा रहा है कि एंबुलेंस में ऑक्सीजन की भी सुविधा नहीं थी.
ये मामला राजस्थान के भीलवाड़ा से सामने आया है, जहां एक महिला ने अपने घर पर किसी बात को लेकर फांसी लगा ली थी. महिला के घर वालों को उसकी खुदकुशी की कोशिश का पता लग गया और उन्होंने महिला को तुरंत अस्पताल ले जाने के लिए EMRIGHS की एंबुलेंस बुलाई. परिजनों ने आरोप लगाया कि अस्पताल पहुंचने पर जब एंबुलेंस का दरवाजा खोला गया, तो वह खुला ही नहीं और जाम हो गया.
खिड़की तोड़कर एंबुलेंस से निकाला
महिला के परिजनों ने आगे बताया कि इसके बाद करीब 15 मिनट तक कड़ी मशक्कत की गई, लेकिन दरवाजा नहीं खुला. फिर महिला को एंबुलेंस की खिड़की तोड़कर एंबुलेंस से बाहर निकाला गया, लेकिन इस 15 मिनट में जो जान महिला में बची थी. वह एंबुलेंस में ही निकल गई. परिवार वालों ने ये भी कहा कि एंबुलेंस के अंदर ऑक्सीजन तक नहीं था और एंबुलेंस के कर्मचारियों को अस्पताल का रास्ता भी नहीं पता था. इस वजह से और भी देर हुई.
अधिकारी ने मामले पर क्या कहा?
वहीं EMRIGHS ने एंबुलेंस में कमी होने की बात को सिरे नकार दिया. भीलवाड़ा के मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि इस मामले की जांच के लिए चार सदस्य की समिति का गठन किया गया गया है. EMRIGHS की ओर से कहा गया कि एंबुलेंस का दरवाजा ठीक था, लेकिन बहुत सारे लोगों के एक साथ दरवाजा खोलने की वजह से दरवाजा जाम हुआ. इसके अलावा EMRIGHS ने रास्ते और ऑक्सीजन को लेकर भी सफाई दी.