मदद के बहाने मेरठ में बड़े पैमाने पर चल रहा मतांतरण का खेल

मेरठ। मेरठ में मदद करने के बहाने हिन्दुओं को ईसाई धर्म में मतांतरण का खेल बड़े पैमाने पर चल रहा है। दो साल पहले मेरठ के भगवतपुरा में मतांतरण कराने के बड़े गिरोह का पर्दाफाश हुआ था। अब कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र के खड़ौली गांव में मतांतरण के बड़े खेल का खुलासा हुआ है। पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया है और मुख्य आरोपित की तलाश कर रही है।

मेरठ में ईसाई धर्म में मतांतरण कराने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। 28 अक्टूबर 2022 में मंगतपुरम बस्ती में लोगों को ईसाई बनाने का बड़ा खुलासा हुआ था। बस्ती के लगभग 400 लोगों ने एसएसपी कार्यालय पर प्रदर्शन करके जबरन ईसाई बनने पर मजबूर करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान कुछ ईसाई लोगों ने बस्ती के लोगों की मदद की थी। इसके बाद उन पर मतांतरण का दबाव बनाया जाने लगा। कई घरों से हिन्दू देवी-देवताओं के चित्र व मूर्तियां हटवा दी। लोगों को पूजा करने और मंदिर जाने से रोका जाने लगा। इस बस्ती में अस्थायी चर्च तक बना दिया गया था। उस समय पुलिस ने नौ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।

अब कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र के खड़ौली गांव में फिर से मतांतरण के गिरोह का खुलासा हुआ है। एक किराए के मकान में प्रार्थना के बहाने ईसाई धर्म में मतांतरण का खेल चल रहा था। विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया। पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन मुख्य आरोपित सहारनपुर निवासी पादरी रवि पास्टर फरार हो गया। पुलिस को कमरे से ईसाई धर्म की प्रचार सामग्री भी बरामद हुई। आसपास के लोगों ने बताया कि प्रत्येक रविवार को यहां पर लोगों को इकट्ठा करके ईसाई धर्म में मतांतरित करने की प्रक्रिया की जाती थी। डेढ़ साल से यह पूरा खेल चल रहा था।

विहिप कार्यकर्ताओं ने किया था हंगामा

खड़ौली में विश्व हिंदू परिषद के महानगर मंत्री मनोज त्यागी और रंजना वर्मा ने कार्यकर्ताओं के साथ पहुंचकर हंगामा किया था। पुलिस ने सात लोगों पर मुकदमा दर्ज करके निशा भारद्वाज, छाया, मिथलेश, गुलशन और दीपक को गिरफ्तार कर लिया। एसपी सिटी मेरठ आयुष विक्रम सिंह के अनुसार, पकड़े गए आरोपितों से पूछताछ की जा रही है। मुख्य आरोपित रवि पास्टर की तलाश की जा रही है।

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