वाराणसी के श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ ने तोड़े सारे रिकॉर्ड

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में मौजूद श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है, लेकिन सोमवार को मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या को लेकर अब तक के सारे रिकॉर्ड टूट गए, जहां एक दिन में 11 लाख श्रद्धालुओं ने बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए. इस दौरान लगातार 22 घंटे दर्शन पूजन का सिलसिला चलता रहा. अब आगे भी इसी तरह भीड़ रहने की आशंका है, जिसको देखते हुए प्रशासन भी अलर्ट है.

ये एक दिन में दर्शन पूजन का नया रिकॉर्ड है. अब तक चाहे सावन का सोमवार हो या महाशिवरात्रि इतनी संख्या श्रद्धालुओं की कभी नही रही. सोमवार को 2.45 पर मंगला आरती शुरू हुई और उसके बाद शुरू हुआ दर्शन पूजन का सिलसिला. दर्शन पूजन का ये सिलसिला रात के एक बजे तक चलता रहा. इस दौरान 11 लाख लोगों ने बाबा विश्वनाथ की झांकी के दर्शन किए.

गोदौलिया से दशाश्वमेध घाट
आज फिर मंगला आरती के बाद से ही दर्शन पूजन की प्रक्रिया चल रही है. आज भी देर रात एक बजे तक ये सिलसिला जारी रहेगा. मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए देर रात तक मंदिर खोलने का फैसला लिया है. सोमवार को पलट प्रवाह का ऐसा असर दिखा कि गोदौलिया से दशाश्वमेध घाट पर पैदल चलने पर भी रोक लगा दी गई. श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के दो किलोमीटर के दायरे में गलियां श्रद्धालुओं से जाम हो गईं और घाट पूरी तरह से पट गए.

श्रद्धालुओं की भारी भीड़
मैदागिन से गोदौलिया से तीन-तीन किलोमीटर की लाइन लगी हुई हैं. त्रिपुरा भैरवी घाट, राजेंद्र प्रसाद घाट, मीर घाट से होते हुए गंगा द्वार पर भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ है. श्रद्धालुओं की भीड़ को व्यवस्थित करने और किसी अनहोनी की आशंका को देखते हुए पूरा प्रशासन सड़कों पर हैं. पुलिस कमिश्नर और मंडलायुक्त ने खुद मोर्चा संभाला हुआ है.

नो व्हीकल जोन बनाया गया
ललिता घाट पर पुलिस कमिश्नर ख़ुद भीड़ से घिर गए. बीएचयू गेट से अब रविदास मंदिर की तरफ भी नो व्हीकल जोन बना दिया गया है. टू व्हीलर पर भी रोक लगा दी गई है. मौनी अमावस्या से एक दिन पहले और एक दिन बाद तक भारी भीड़ आने की संभावना है. मौनी अमावस्या पर वाराणसी के सभी घाटों पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु स्नान के लिए पहुंचेंगे. इसको देखते हुए आज शाम से ही घाटों पर नगर निगम स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा, ताकि बुधवार को ब्रह्म मुहूर्त से ही स्नान की प्रक्रिया सुचारु ढंग से शुरू हो सके.

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