वाराणसी। धर्म नगरी काशी में गणेश मंदिरों के साथ महादेव के मंदिरों से अब साईंबाबा की मूर्ति हटाई जाएगी। या फिर साईं की मूर्तियों को सफेद कपड़े से ढ़क दिया जाएगा। इसके लिए सनातन रक्षक दल ने अभियान शुरू किया है। अभियान में लोहटिया स्थित बड़ागणेश मंदिर में स्थित पॉच फीट की साईं प्रतिमा हटाई गई। दल के सदस्यों ने अब तक 10 हिन्दू मंदिरों में विराजित साईं की प्रतिमाओं को हटवा कर इसे साईं मदिर में भिजवाया ।
दल के सदस्य अजय शर्मा के अनुसार काशी में सिर्फ काशीपुराधि बाबा विश्वनाथ ही पूजनीय हैं। शहर के कई शिव और गणेश जी के मंदिरों में अज्ञानतावश लोगों ने साईंबाबा की प्रतिमा स्थापित कर दी। इससे शिवभक्तों में नाराजगी है। दल ने नगर के ऐसे मंदिरों के महंतों से अपील किया है कि साईं की मूर्ति को ससम्मान मंदिर परिसर से हटवा दें। जल्द ही अगस्त्यकुंडा और भूतेश्वर मंदिर से साईं प्रतिमा हटेगी।
गौरतलब हो कि स्मृतिशेष द्वारका एवं शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने अपने जीवन काल में महादेव और हिन्दू धर्म के मंदिरों में साईं की मूर्ति स्थापित करने पर नाराजगी जताई थी। उन्होंने कहा था कि हिन्दू मंदिरों में साईं की मूर्ति स्थापित करना देवी-देवताओं का अपमान करने जैसा है। साईं फकीर और अमंगलकारी थे और उनकी पूजा से आपदाएं आती हैं। साईं बाबा हिंदू नहीं थे और उनकी पूजा को बढ़ावा देना हिन्दू धर्म को बांटने की साजिश है। श्री अन्नपूर्णा मंदिर के महंत शंकर पुरी ने भी कहा कि शास्त्रों में कहीं भी साईं की पूजा का वर्णन नहीं है, इसलिए अब मंदिर में स्थापित मूर्ति हटाई जा रही है।