भ्रामक विज्ञापनों के मामले पर योग गुरु रामदेव, पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए. बाबा रामदेव की ओर से पेश वकील बलबीर ने कहा कि भविष्य में ऐसा नहीं होगा. पहले जो गलती हो गई, उसके लिए माफी मांगते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने इसपर कहा कि सर्वोच्च अदालत ही नहीं, देश की किसी भी अदालत का आदेश हो, उसका उल्लंघन नहीं होना चाहिए. कोर्ट ने पतंजलि की माफी को स्वीकार नहीं किया. अदालत ने कहा कि आपने क्या किया है, उसका आपको अंदाजा नहीं है. हम अवमानना की कार्यवाही करेंगे. इस मामले की 10 अप्रैल को दोबारा सुनवाई होगी. बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को कोर्ट में उपस्थित रहना होगा.
न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ के सामने ये सुनवाई हुई. कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद के उत्पादों और उनके चिकित्सकीय प्रभावों के विज्ञापनों से संबंधित अवमानना कार्यवाही के मामले में 19 मार्च को रामदेव और बालकृष्ण से व्यक्तिगत रूप से अपने समक्ष पेश होने को कहा था. पीठ ने कंपनी और बालकृष्ण को पहले जारी किए गए अदालत के नोटिस का जवाब दाखिल नहीं करने पर कड़ी आपत्ति जताई थी.
जस्टिस हिमा कोहली ने कहा कि पहले जो हुआ, उसके लिए आप क्या कहेंगे? बाबा रामदेव की ओर से पेश वकील ने कहा कि भविष्य में ऐसा नहीं होगा. पहले जो गलती हो गई, उसके लिए माफी मांगते हैं. इसपर कोर्ट ने कहा कि आपने गंभीर मसलों का मजाक बना रखा है. आपको पता लगना चाहिए कि अदालत के आदेश का उल्लंघन करने का क्या नतीजा होता है.
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने क्या-क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने रामदेव के वकील से कहा कि आपके पास यहां तर्क देने का कोई लोकस नहीं है. यह तो हमने छूट दे रखी है, अन्यथा यह अदालत की अवमानना का मामला है. जस्टिस हिमा कोहली ने कहा कि पहले जो हुआ। उसके लिए आप क्या कहेंगे?
वकील ने बताया कि बाबा रामदेव और बालकृष्ण कोर्ट में मौजूद हैं. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि क्या हलफनामा दाखिल किया गया है. कोर्ट ने कहा कि हमने पहले कंपनी और एमडी को जवाब दाखिल करने को कहा था. जब जवाब नहीं दाखिल किया गया तब अवमानना नोटिस जारी किया.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपकी ओर से आश्वासन दिया गया और उसके बाद उल्लंघन किया गया. यह देश की सबसे बड़ी अदालत की तौहीन है और अब आप माफी मांग रहे हैं. यह हमें स्वीकार नहीं है. जस्टिस हिमा कोहली ने कहा कि आप यहां आश्वासन देते हैं और इसके बाद प्रेसवार्ता करते हैं. अब माफी मांग रहे हैं. यह कैसे स्वीकार की जाए, आपने कैसे उल्लंघन किया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा आपका मीडिया विभाग आपसे अलग नहीं है, आपने ऐसा क्यों किया. आपको नवंबर में चेतावनी दी गई थी, बावजूद इसके आपने प्रेस कॉफ्रेंस किया.
सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि बाबा रामदेव के जवाब से संतुष्ट नहीं हैं. कोर्ट ने कहा कि हम अवमानना की कार्यवाही करेंगे. रामदेव के वकील ने कहा कि हमने बिना शर्त माफी मांगी है. कोर्ट ने कहा कि आप वजह बताइये कि आखिर उल्लंघन कैसे हुआ. कोर्ट ने कहा कि यह गंभीर मामला है. हमें आपकी माफी स्वीकार नहीं है.