तिलोई अमेठी । वन रेंज अंतर्गत टिकरी बीट समेत अन्य कई सरकारी जंगलो के पेड़ कोयला भट्ठी संचालकों की रडार पर हैं सूत्रों का कहना है कि विगत वर्षों पूर्व तिलोई वन क्षेत्राधिकारी रहे लालजी मौर्य के सेवानिवृत्त होने के बाद नवागत वन क्षेत्राधिकारी जहीर मिर्जा के चार्ज संभालते ही नियम कानून के विपरीत संचालित कुछ चिन्हित कोयला भट्ठियों के संचालकों का गोरक्ष धंधा शुरू हो गया कुछ भट्ठियों के संचालकों ने सरकारी जंगलो की लकड़ियों के बल पर ही कोयला बनानें का काला कारोबार शुरू कर दिया जिन्हें वन माफियाओं के द्वारा लकड़ियों की सप्लाई मिलने लगी कुछ वन माफियाओं ने लाखों रुपए की सरकारी लकड़ियों को चोरी छिपे काटकर बाजार में बेच दिया इस कार्य में मुकामी वन कर्मियों ने चंद पैसे की लालच में लकड़ी माफियाओं से साठ-गांठ कर सरकारी पेड़ों की बलि चढ़ाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी इधर जब मीडिया में सरकारी पेड़ों की कटान का प्रकाशन प्रमुखता से किया गया तो वन विभाग के हाथ पांव फूल गए वन कर्मियों ने खाना पूर्ति करने हेतु दो तीन पेड़ों की कटान दिखा कर अपना दामन बचाने का कार्य किया। सवाल यह उठता है कि जब वनो के रक्षक ही भक्षक बन जाय तो आखिर वनों की सुरक्षा कैसे होगी। इधर अपनी पीठ थपथपाने के लिए वन विभाग ने दो अलग-अलग स्थानों पर लकड़ी कटान को लेकर मुकदमा तों शिवरतनगंज थाने पर दर्ज करा दिया लेकिन वनों के पेड़ सुरक्षित नहीं है। वहीं इस मामले में डिप्टी रेंजर सचिन गौतम ने बताया कि वन विभाग लगातार लकड़ी माफियाओं पर कार्रवाई कर रहा है वन रेंज अंतर्गत जंगलों में वाचरो को पेड़ों की रखवाली की जा रही है। यदि कोई भी व्यक्ति सरकारी पेड़ों को काटता है तो वन अधिनियम की धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कराया जाता है।