उरई। शहर के इंदिरा स्टेडियम में एक अप्रैल से स्वीमिंग पूल शुरू हो रहा है। इसमें सीखने के लिए खिलाड़ी पंजीयन के लिए आने लगे। लेकिन सुविधाएं न होने से उन्हें परेशानी उठानी होगी।
स्वीमिंग पूल की स्थिति बेहद खराब है। इसकी स्थिति सुधारने के लिए खेल विभाग ने प्रयास किए। लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। इसका खामियाजा तैराकी सीखने आने वाले खिलाड़ियों को भुगतना होगा। तीन महीने से पूल बंद था। जो खुलने वाला है। अधिकारी अनुमान लगाए थे की जब पूल खुलेगा तो उसमें काम हो जाएगा। शासन से बजट पास हो जाएगा। लेकिन ऐसा होता नहीं दिखा। असुविधाओं ने स्वीमिंग पूल में डेरा डाल रखा है। पूल में प्रशिक्षण के लिए कोई कक्ष नहीं है। बैठने की भी कोई व्यवस्था नहीं है। महिला व बालिकाओं के कपड़े बदलने के लिए कोई ड्रेसिंग रूम नहीं है। जितने कांच लगे हुए हैं। अधिकतर टूटे पड़े हैं।
टाइल्स भी टूटे हैं। रोशनी के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं है। सबसे बड़ी समस्या प्लांट मशीन नहीं है। जो पूल के पानी फिल्टर कर सकें। इन असुविधा के साथ पुल को खोला जा रहा है। वहीं पिछली साल तैराकी सीखने 32 खिलाड़ी आते थे। इस बार खिलाड़ी बढ़ने की उम्मीद थी। लेकिन असुविधा के बीच कोई नहीं आना चाहता है। इसको लेकर क्रीड़ा अधिकारी सिराजुद्दीन ने बताया कि इसके कायाकल्प के लिए प्रस्ताव भेजा गया था। लेकिन अभी तक पास नहीं हुआ है। इसके चलते काम नहीं हो पाया है। पूल खुलने से पहले वह अपने स्तर से व्यवस्था सुधारने का प्रयास करेंगे। ताकि खिलाड़ियों को परेशानी न हो।