बदायूं। नशीला पदार्थ खिलाकर कछला के पुल से नीचे फेकने और मरा समझकर छोड़ देने के आरोप में सिविल बार के सचिव और उनकी ससुराल पक्ष के लोगों पर रिपोर्ट दर्ज की गई थी। सीजेएम ने उनके खिलाफ दायर प्रोटेस्ट अर्जी खारिज कर दी है।
जिला अलीगढ़ के थाना बन्ना देवी के मोहल्ला रामदास नगर डूडा कॉलोनी निवासी दीपक तिवारी का अपनी पत्नी से विवाद चल रहा था। इसी के चलते उसने अपने साढ़ू जिला सिविल बार के सचिव अधिवक्ता अरविंद पाराशरी, उनकी पत्नी, सास, ससुर और सालों के खिलाफ एक झूठी रिपोर्ट 9 नवंबर 2022 को दर्ज कराई थी। थाना कोतवाली में तैनात उप निरीक्षक आकाश कुमार ने विवेचना की। विवेचक ने कहा कि वादी दीपक पर कुटुम्ब न्यायालय व अन्य न्यायालयों में दहेज उत्पीड़न के केस चल रहे हैं। अपने बचाव के लिए उसने झूठी रिपोर्ट दर्ज कराई है। इससे पुलिस विभाग का सरकारी समय खराब हुआ है। धारा 182 आईपीसी की चालानी रिपोर्ट प्रेषित कर वादी को तलब कर झूठी रिपोर्ट दर्ज कराने के अपराध में सजा दिए जाने की बात कही। सीओ सिटी आलोक मिश्रा ने भी रिपोर्ट को सही माना। सीजेएम ने 15 जुलाई 2023 को रिपोर्ट पर संज्ञान लिया। वादी ने जिस पर प्रोटेस्ट अर्जी दाखिल की सीजेएम मोहम्मद साजिद ने सुनवाई के बाद प्रोटेस्ट अर्जी को खारिज कर दिया है। वादी ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से 21 जनवरी 2024 को प्रोटेस्ट अर्जी सीजेएम कोर्ट में पेश की।