हमीरपुर : थाना बिवांर के पारा लदार गांव में बीते फरवरी माह में वृद्ध भाई-बहन की हत्या कर नकदी और जेवरात लूटने वाले 25 हजार रुपए के इनामी बदमाश को पुलिस ने बुधवार को तड़के बिवांर क्षेत्र में मुठभेड़ के बाद दबोच लिया। गोली बदमाश के दाहिने पैर में घुटने के नीचे लगी है। इस हत्याकांड में शामिल रहे दो बदमाशों को पुलिस ने वारदात के कुछ दिन बाद ही गिरफ्तार कर लिया था, जबकि तीसरा बदमाश फरार था।
पुलिस अधीक्षक डॉ.दीक्षा शर्मा ने बताया कि बीती आठ फरवरी को बिवांर थानाक्षेत्र के पारा लदार गांव में वृद्ध कृष्णदत्त सोनी और उसकी बहन केशकली के शव घर के अंदर बरामद हुए थे, जो दो दिन पुराने थे। दोनों की बदमाशों ने लूट के बाद हत्या कर दी थी और शवों को घर में छिपाकर फरार हो गए थे। मृतक के भाई रमाशंकर सोनी ने अज्ञात के विरुद्ध हत्या की एफआईआर दर्ज कराई थी। वारदात के एक सप्ताह के बाद पुलिस ने गांव के पूरन व महोबा निवासी हरिया उर्फ हरिकृष्ण को गिरफ्तार किया था। मुठभेड़ में पूरन घायल हुआ था, जबकि राजेंद्र कुरील मौका पाकर पुलिस टीम पर फायर करते हुए फरार हो गया था। जिसकी तलाश में पुलिस लगी हुई थी।
सीओ मौदहा श्रेयस त्रिपाठी ने बताया कि बुधवार को तड़के मुखबिर ने सूचना दी कि छानीखुर्द से इंगोहटा मार्ग पर स्थित ठेका के पास एक व्यक्ति बैठा है, यह वही व्यक्ति राजेंद्र कुरील है जिसने पारा लदार में वृद्ध भाई-बहन की हत्या कर लूट की घटना को अंजाम दिया था। इस सूचना के बाद बिवांर एसएचओ राकेश सरोज, एसओजी प्रभारी उपनिरीक्षक सचिन सारस्वत टीम के साथ बताए हुए स्थान पर पहुंचे तो बदमाश राजेंद्र कुरील ने पुलिस को देखकर फायर करना शुरू कर दिया। पुलिस ने जवाबी फायर किया जो उसके दाहिने पैर के घुटने के नीचे लगा। जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। उसके कब्जे से 15 हजार रुपए नकद तथा एक अदद 315 बोर नाजायज तमंचा, एक अदद जिंदा कारतूस व एक अदद खोखा कारतूस बरामद हुआ। आज हुई मुठभेड़ के संबंध में इसके विरुद्ध एक और मुकदमा धारा 307/504/506 आईपीसी (पुलिस मुठभेड) व 3/25 आर्म्स एक्ट में दर्ज किया गया है।
सीओ ने बताया कि गिरफ्तार बदमाश राजेंद्र कुरील निवासी बेंता थाना बकेवर जनपद फतेहपुर ने पुलिस पूछताछ के दौरान बताया कि 6/7 फरवरी की रात में उसने अपने दो साथियों पारा गांव निवासी पूरन व महोबा के ऊदल चौक मिल्कीपुर निवासी हरिया उर्फ हरिकृष्ण के साथ मिलकर पारा लदार गांव के कृष्णदत्त सोनी जो अविवाहित था तथा अपनी बहन केशकली के साथ अकेले रहता था। दोनों भाई-बहन वृद्ध भी थे। इनके पास करीब 15 बीघा जमीन का स्वामित्व था। इसी कारण लूटपाट की योजना बनाकर घर में घुसे थे। लूट के दौरान कृष्णदत्त सोनी व उनकी बहन केशकली जग गए तो पकड़े जाने व पहचान लिए जाने के डर से दोननों की हत्या कर दी। घर में रखी नकदी और जेवरात की लूट कर ली गई।