नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि गुलाम कश्मीर के लोग खुद भारत में विलय की मांग कर रहे हैं। उन्होंने भरोसा जताया कि गुलाम कश्मीर का भारत में खुद विलय जो जाएगा। उन्होंने कहा कि गुलाम कश्मीर हमारा था और हमारा है। एक मीडिया हाउस के कार्यक्रम में उन्होंने यह बात कही।
लोग कर रहे भारत में विलय की मांगः रक्षा मंत्री
कश्मीर के संबंध में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की हालिया टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर राजनाथ सिंह ने कहा कि क्या वे कभी कश्मीर ले सकते हैं? उन्हें गुलाम कश्मीर के बारे में चिंतित होना चाहिए। मैंने लगभग डेढ़ साल पहले कहा था कि इसकी कोई आवश्यकता नहीं कि हम हमला करके कब्जा कर लें। असल में वहां ऐसे हालात बन रहे हैं कि गुलाम कश्मीर के लोग खुद ही भारत में विलय की मांग कर रहे हैं।
इस स्थिति में भारत देगा करारा जवाब
उन्होंने साफ किया कि हम किसी भी देश पर हमला नहीं करने जा रहे हैं। भारत का चरित्र है कि वह दुनिया के किसी भी देश पर कभी हमला नहीं करता, न ही उसने किया है। हालांकि, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अगर किसी ने इसकी प्रतिष्ठा पर हमला किया तो भारत माकूल जवाब देगा। बता दें कि फरवरी में गुलाम कश्मीर के एक राजनीतिक कार्यकर्ता अमजद अयूब मिर्जा ने दावा किया था कि यहां के लोग पाकिस्तानी से तंग आ चुके हैं और अब वे भारत में विलय की मांग कर रहे हैं।
चीन पर क्या बोला राजनाथ सिंह
यह पूछे जाने पर कि यदि चीन भारत पर हमला करता है तो राजनाथ सिंह ने कहा कि भगवान उन्हें ऐसी गलतियां न करने की सद्बुद्धि दे। उन्होंने कहा कि अगर कोई देश हम पर हमला करता है, तो हम उसे नहीं छोड़ते। लेकिन ये भी सच्चाई है कि अपने सभी पड़ोसियों के साथ हमारे अच्छे संबंध हैं। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत चीन से पैदा होने वाले किसी भी खतरे से निपटेगा।
भारत बन रहा है शक्तिशाली राष्ट्र
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत दुनिया का एक शक्तिशाली राष्ट्र बन गया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के इस आरोप पर कि चीन ने भारत के लगभग 2,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है, उन्होंने उनकी टिप्पणी पर दुख जताया और कहा कि वह उन्हें 1962 में चीन द्वारा की गई गतिविधियों के बारे में याद नहीं दिलाना चाहते। राहुल हमारे जवानों की वीरता पर सवाल उठा रहे हैं। उन्हें ऐसी टिप्पणी नहीं करनी चाहिए।
गलवन संघर्ष पर क्या बोला रक्षा मंत्री?
गलवन में भारत और चीन के बीच भिड़ंत को याद करते हुए उन्होंने कहा कि भारत के सैनिकों ने एक भी गोली नहीं चलाई और इसके बजाय शारीरिक युद्ध में लगे रहे। उन्होंने कहा कि लड़ाई के दौरान भारत के 20 जवान वीरगति को प्राप्त हुए। हालांकि, चीन ने अपने मारे गए सैनिकों के संबंध में जानकारी नहीं दी। वैसे विदेशी मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि झड़प में 35 से 40 चीनी सैनिक मारे गए। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद हमने सीमा पर तेज गति से बुनियादी ढांचे का विकास किया।