आईपीएस ने भगत सिंह के शहादत दिवस पर श्रद्धांजलि किया अर्पित
बलिया। कलेक्ट्रेट स्थित चन्द्रशेखर उद्यान में इंडियन पीपुल्स सर्विसेज (आईपीएस) के तत्वावधान में इंकलाबी भगत सिंह के शहादत दिवस पर उनके चित्र पर माल्यार्पण पुष्पांजलि अर्पित कर शहीद-ए-आजम भगत सिंह, राजगुरू, सुखदेव अमर रहे। इंकलाबी भगत सिंह व इंकलाबी विचारधारा जिन्दाबाद के उद्घोष के साथ अमर शहीदों को श्रद्धांजलि दी गयी।
इस अवसर पर ग्राम उदयपुरा के प्रधान अखिलेश कुमार सिंह उर्फ माल सिंह ने कहा कि आज के दौर में भगत सिंह के विचार व उनकी विचारधारा और भी ज्यादे प्रांसगिक है। देश में इंकलाबी भगत सिंह केन्द्रीय विश्वविद्यालय के स्थापना करने, उनके विचारों व भगत सिंह जेल डायरी को शैक्षणिक पाठ्य पुस्तकों में शामिल कर शोध कार्य प्रारम्भ किये जाने की आवश्यकता है। ताकि आज की युवा पीढ़ी भगत सिंह व उनके जैसे महान देशभक्त क्रांतिकारियों की इंकलाबी विचाराधार से अवगत हो सके। कहा कि इंकलाबी भगत सिंह अखण्ड भारत के सबसे युवा और समस्त भारतवासियों के हृदय में वास करने वाले महान क्रांतिवीर है। भगत सिंह के राष्ट्रवादी विचारधारा पर चलकर ही अखण्ड भारत का कल्याण सम्भव है। हमारा महान देश भारत दुनिया के महानतम देशों की अग्रिम पक्ति में खड़ा दिखाई देगा। आज देश के जो हालात है ऐसी स्थिति में भगत सिंह के विचारधारा की प्रासंगिकता और भी ज्यादा बढ़ जाती है।आईपीएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविन्द गोंडवाना ने कहा कि यदि भगत सिंह देश की स्वतंत्रता मिलने तक जीवित रहते तो5 निश्चित ही देश के टुकड़े नहीं होते और हमारा महान देश भारत अखण्ड भारत ही रहता, क्योंकि भगत सिंह के मानने वाले अखण्ड भारत के हर हिस्से के लोग है। कहा कि भगत सिंह ने कहा था कि इंकलाब की तलवार विचारों के शान पर तेज होती है। इसका आशय यह है कि अध्ययन आन्दोलन को तेज करना अध्ययन के प्रति भगत सिंह की रूचि इस हद तक थ। इसका पता उनकी जेल डायरी व पुस्तकालय से मंगाई पुस्तकों की सूची से लगता है। इंडियन पीपुल्स सर्विसेज(आईपीएस) के जिलाध्यक्ष सुरेश शाह ने कहा कि भगत सिंह विचारधारा से हर युवा वर्ग को अवगत कराकर आईपीएस से जोड़ने का काम किया जा रहा है। भगत सिंह आप जिन्दा है छात्र और नौजवानों में, मजदूर और किसानों में, जनता के अरमानों में, भारत के इंकलाबी युवा पीढ़ी आपके सपनों को मंजिल तक पहुॅचायेगी। इस मौके पर प्रधान अखिलेश सिंह उर्फ माल सिंह, जिउत गोंड, कन्हैया गोंड, एड अशोक गोंड, अरूण गोंड, सुमेर गोंड, शिवशंकर खरवार, ललन प्रसाद गुलाब गोंड, हीरालाल गोंड, संगम कुमार माली, गोपाल गोंड, दीपक गांेड, उपेन्द्र साहनी, ओमप्रकाश गोंड, मनोज शाह, सुरेशा शाह, संजय गोंड, सोनू गोंड, रामनिवास गोंड प्रमुख रूप से रहे।