तिलोई अमेठी। तहसील क्षेत्र में सभी नियमों को ताख पर रखकर कोयला भट्ठियों का नवीनीकरण किया गया है। कई कोयला भट्ठियां बागों के किनारे व आबादी वाले स्थलों के नजदीक धधक रही हैं। मामला संज्ञान में होने के बावजूद खुलेआम चल रही इन भट्ठियों के संचालकों पर कोई कार्रवाई न होने से उच्चाधिकारियों की निष्ठा भी संदेह के घेरे में है।
बता दें कि तिलोई तहसील क्षेत्र में सर्वाधिक कोयला भट्ठियां इन्हौना और शिवरतनगंज थाना क्षेत्र में स्थित हैं। जहां सेमरौता, शिवरतनगंज , पूरे जहान, पिपरी अहमदाबाद इन्हौना, रसतामऊ मोहनगंज आदि में भट्ठियों के लिए लाइसेंस जारी हैं। लेकिन लाइसेंसो को अभी तक नवीनीकृत नहीं किया गया है। उक्त गांवों में स्थापित कोयला भट्ठियों का यदि निरीक्षण कर लिया जाए तो वह भट्ठी चाहे संचालित हो अथवा गैर संचालित हो लेकिन उसकी दूरी आबादी से एक किलोमीटर के अंदर ही मिलेगी। हालांकि अधिकारी इस बाबत यह कहकर पल्ला झाड़ लेते हैं कि भट्ठी का लाइसेंस पुराना है जबकि आबादी बाद में बसी है। सबसे आश्चर्यजनक यह है कि यदि आबादी बाद में बस गई है तो भट्ठियों के लावसेंस का नवीनीकरण कैसे कर दिया गया। यदि कभी इन भट्ठी संचालकों के खिलाफ शिकायत होती है तो बजाए उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के कमाऊपूतों को बचाने के लिए जिम्मेदार विभागीय कार्रवाई करने की बात कहकर अधिकारियों को रिपोर्ट भेज कर खानापूरी कर देते हैं।
वहीं दूसरी ओर डिप्टी रेंजर सचिन गौतम का कहना है अवैध रूप से चल रही भट्ठियां बंद कराई जाएंगी। इसके लिए जल्द ही अभियान चलाया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि तिलोई रेंज में स्थापित समस्त भट्ठी संचालक करोड़ो का राजस्व का नुकसान पहुंचा रहे हैं जिसमें यदि अवैध कोयला के काले कारोबार की ढुलाई भी बिना किसी वाहन पास की जाती है जिसमें यदि नियमों पर गौर करें तो नियम के विपरीत मानक को ताख पर ढुलाई की जाती है।
महिंद्रा पिकप का पास 12कु 50 है। 25 कुंतल मॉल ओवरलोड ले के लखनऊ बाराबंकी फैजाबाद मॉल की ढुलान करती ओवर लोड पिकप प्रत्येक दिन 3 से 4 पिकप माल ढोती हैं।
इसी प्रकार लकड़ी अड्डियो का किसी के पास लाइसेस नही है बगैर वन विभाग के लाइसेंस के यूक्लिप्टस के आड़ में नंबर 2 की प्रतिबंधित लकड़ियों की खरीदारी भी की जाती है तिलोई वन क्षेत्र में लगभग एक दर्जन लकड़ी के अड्डे संचालित है जहां यूकेलिप्टस की लकड़ियों की आड़ में आम नीम, महुआ, जामुन, शीशम, सागौन सहित तमाम प्रतिबंधित पेड़ों की लकड़ियों की खरीददारी कर लकड़ी माफियाओं द्वारा ट्रकों में भरकर लखनऊ, कानपुर, दिल्ली गुजरात आदि जगहों पर महंगे दामों में बेचने के भेजी जाती है और उसमें भी अभिवहन पास नही लिया जाता है सूत्रों द्वारा पता चला है कि इन्हौना , सेमरौता शिवरतनगंज, मोहनगंज और कोटवा , रस्तामऊ सहित अन्य कई स्थानों पर अवैध रूप से लकड़ी के अड्डे संचालित किए जा रहे हैं जिससे करोड़ो का राजस्व का प्रत्येक वर्ष नुकसान पहुँचता है। वहीं लकड़ी ढुलाई करने वाले ट्रैक्टर ट्राली के रजिस्ट्रेशन तक नहीं करवाते बगैर रजिस्ट्रेशन के ही धड़ल्ले से लकड़ियों की ढुलाई की जाती है जहां कृषि कार्य के लिए बने टैक्टर ट्राली और टाला नियमों की अनदेखी कर कृषि कार्य को छोड़कर लकड़ी ढुलाई में लगे हुए हैं जिन्हें मुकामी थाने की पुलिस भी फर्राटा भरने में अंकुश लगाने में नाकाम साबित हो रही है। सरकार की लाखों की छति हो रही है।