बरेली| बरेली में आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां को गिरफ्तार कर पेश करने के मामले में सुनवाई फिलहाल टल गई है। एडीजी फास्ट ट्रैक कोर्ट ने अब एक अप्रैल की तारीख तय की है। इससे पहले 21 मार्च को जिला जज की अदालत तय करेगी कि सुनवाई किस कोर्ट में होगी।
एडीजे फास्ट ट्रैक कोर्ट ने मौलाना तौकीर रजा को वर्ष 2010 के दंगे का मास्टरमाइंड बताया था। उनके खिलाफ लगातार दो तारीख से गैर जमानती वारंट जारी हो रहा है। इस बार तौकीर को गिरफ्तार कर पेश करने की जिम्मेदारी कोर्ट ने सीधे एसएसपी सुशील घुले को दी थी।
पुलिस की दस टीमों ने चार राज्यों के कई शहरों में दबिश दी लेकिन तौकीर को गिरफ्तार नहीं कर सकीं। मौलाना के घर सोमवार को पुलिस ने नोटिस चस्पा किया था। मंगलवार को फास्ट ट्रैक कोर्ट ने मामले की सुनवाई की। चूंकि इस कोर्ट से वर्ष 2010 के दंगे के केस की पत्रावली जिला जज कोर्ट में तलब हो चुकी है, इसलिए फास्ट ट्रैक कोर्ट ने अगली सुनवाई एक अप्रैल को तय कर दी।
बुधवार को तय होगा, किस कोर्ट में होगी सुनवाई
मौलाना तौकीर को जिस मामले में गिरफ्तार करने का आदेश दिया गया था, उसमें कई आरोपियों के खिलाफ पुलिस चार्जशीट लगा चुकी है। एक आरोपी शहजादे का नाम भी इनमें शामिल है। उसकी ओर से जिला जज की कोर्ट में पत्र देकर कहा गया था कि संबंधित कोर्ट से उसकी पत्रावली हटाकर किसी और कोर्ट में कर दी जाए।
जिला जज इस केस ट्रांसफर अर्जी पर सुनवाई कर रहे हैं। जिला जज कोर्ट में पिछली तारीख पर दोनों पक्षों की बहस हो चुकी है। अब इस मामले में 21 मार्च की तारीख तय है। बृहस्पतिवार को ही पता लगेगा कि मौलाना तौकीर का केस फास्ट ट्रैक कोर्ट में ही चलेगा या फिर किसी और कोर्ट में भेज दिया जाएगा।
10 टीमों को छकाया, सर्विलांस भी फेल
शातिरों व नामी अपराधियों को पकड़ने वाली पुलिस धार्मिक व राजनैतिक शख्स मौलाना तौकीर रजा को गिरफ्तार करने में पस्त साबित हो रही है। पुलिस की 10 टीमों के अलावा एसओजी, सर्विलांस व साइबर सेल की टीमें अत्याधुनिक संसाधनों के सहारे मौलाना की तलाश में जुटी हैं। पश्चिमी बंगाल, दिल्ली के साथ ही राजस्थान के अजमेर, जयपुर, हैदराबाद व असम में छापे मारे जा रहे हैं पर मौलाना की सही लोकेशन पुलिस पता नहीं कर सकी है।