बलिया। सिकन्दरपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में आपरेशन के दौरान ही प्रसुता की मौत के मामले में भाकपा माले ने पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अफसरों पर आपरेशन करने वाले चिकित्सक डॉ. अंशुमान राय को बचाने का आरोप लगाया है। इस मामले में मंगलवार को माले का एक प्रतिनिधिमण्डल जिलाधिकारी को सम्बोधित पत्रक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी अश्वनी कुमार तिवारी को सौंपा।
पूरे प्रकरण में उक्त अस्पताल के चिकित्सक और मौके पर मौजूद प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों पर डाक्टर को बचाने का अरोप लगाते हुए सवाल उठाया है कि उक्त अस्पताल में जब एनेसथेसिया ʺबेहोशीʺ का डाक्टर तैनात नहीं था तो वह कौन व्यकित था जो उक्त सरकारी अस्पताल में डाक्टर के बुलावे पर उक्त प्रसुता को बेहोशी का इंजेक्शन दिया था। दूसरा सवाल यह उठाया कि प्रसतुत की मौत के बाद प्रसुता के परिजनों एवं स्थानीय लोगों द्वारा हंगामा के बाद पहूंचे‚ एसडीएम और सीओ सिकन्दरपुर तथा थानेदार द्वारा प्रसुता के शव को अपने कब्जे में क्यों नहीं लिया और उसका पोस्टमार्टम क्यों नहीं कराया गया। इससे यह सिद्ध होता है कि कही न कही दाल में काला है और प्रशासन जानबूझ कर इस मामले को दबावने के लिए 108 एम्बुलेंस से जिसमें आपरेशन करने वाले डाक्टर स्वयं बैठे थे‚ किया गया। माले ने इसपर एक सोची समझी साजिश बताया और पुलिस की भुमिका की भी जांच की मांग की है। ज्ञापन देने वालों में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी अश्वनी कुमार तिवारी को सौंपा जिसमें नियाज अहमद‚ भागवत बिंद‚ लक्ष्मण यादव‚ मो यूसुफ शेख‚ दिनेश यादव आदि लोग शामिल रहें।