जौनपुर। जनपद में मानक विहीन खटारा वाहनों का संचालन बेखौफ हो रहा है। इनके फिटनेस व परमिट ही नहीं पंजीकरण की अवधि भी खत्म हो गई है। जिले में 15 साल की अवधि पूरी कर चुके 53,324 वाहन ऐसे हैं जिनका नवीनीकरण नहीं कराया गया है। बार-बार सूचना के बाद भी वाहन स्वामी बेपरवाह हैं। इससे जहां राजस्व को करोड़ों रुपये क्षति हो रही है वहीं सड़क हादसों के प्रमुख कारण बन रहे हैं।
जिम्मेदार अधिकारी कार्रवाई के लिए अभियान न चलाकर सिर्फ आदेश-निर्देश देने तक ही सीमित हैं। जनपद में तमाम जर्जर वाहन सड़कों पर चल रहे है। महानगरों में ऐसे वाहन जो जांच में अनफिट पाए जाते है, उन्हें कंडम घोषित कर दिया जाता है। ऐसे में संचालक उन वाहनों को जनपद में बड़े ठाठ से चला रहे हैं। यह तेज आवाज के साथ खूब धुआं उगलते है। इससे पर्यावरण को काफी नुकसान होता है। प्रदूषण जांच के नाम पर भी बड़ा खेल किया जाता है। मात्र नंबर बताकर निर्धारित शुल्क देने मात्र से ही प्रमाणपत्र जारी कर दिया जाता है।
जुगाड़ वाहनों के चलते हो रहे हादसे
कुछ दिनों पहले जिला प्रशासन की सख्ती से जुगाड़ वाहन का सड़कों पर संचालन तो कम हुआ है, लेकिन अभी भी ग्रामीण अंचलों की सड़कों पर जुगाड़ वाहन देखे जा सकते हैं। इससे आए दिन टायर फटने, अनियंत्रित होने, सामने से आने वाले वाहनों के टक्कर से घायल हो रहे हैं। अमान्य वाहनों का स्कूलों में सबसे अधिक संचालन हो रहा है। यह वाहन जहां आए दिन खराब हो रहे हैं वहीं नन्हे-मुन्ने बच्चों को हर समय खतरा रहता है।
कबाड़ होने वाले वाहनों का आंकड़ा
15 साल के ऊपर के कुल पुन: नवीनीकरण वाले वाहन-53,324
15 साल के ऊपर के पुन: नवीनीकरण वाले दोपहिया वाहन-46,795
15 साल के ऊपर के पुन: नवीनीकरण वाले चार पहिया प्राइवेट वाहन-6,529
परिवहन अधिकारी के कही ये बात
जनपद में 15 वर्ष की अवधि पूरी कर चुके 46,795 मोटरसाइकिल व 6,529 चार पहिया वाहन हैं। बार-बार सूचना देने के बावजूद इनके स्वामियों ने नवीनीकरण नहीं कराया। वाहन स्वामियों को नोटिस भेजकर कार्रवाई की जाएगी। -रमेश श्रीवास्तव, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी।