बलरामपुर। जिले के बच्चों को कुपोषण से बचाने के साथ ही माताओं को पालन के तौर-तरीकें सिखाए जाएंगे। इसके लिए परिषदीय विद्यालयों के परिसर में संचालित को-लोकेटेड आंगनबाड़ी केंद्रों में हर माह के अंतिम सप्ताह प्रशिक्षण कार्यक्रम होगा। इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से स्कूलों को 9.20 लाख रुपये का बजट जारी किया गया है।
जिले में एक लाख 36 हजार 782 बच्चे राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण में कुपोषित मिले थे। अब उनको पोषण देने के बारे में माता उन्मुखीकरण कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है। इसका उद्देश्य माताओं को बच्चों की देखभाल के साथ औपचारिक शिक्षा के लिए तैयार करना है। साथ ही उन्हें खुद को शिक्षित बनने के लिए प्रेरित किया जाएगा। इसके लिए हर विद्यालय को पांच सौ रुपये प्रति कार्यक्रम के हिसाब से आठ माह का चार हजार रुपये मिले हैं। (संवाद)
इस तरह कराए जाएंगे कार्यक्रम
हर माह के लिए विषय तय कर दिए गए हैं। मार्च में फल व सब्जियां से संबंधित जागरूकता कार्यक्रम कराए जाएंगे। सितंबर में पशु-पक्षी पर्यावरण पर कार्यक्रम होगा। अक्तूबर में हमारे मददगार जैसे डॉक्टर, पुलिस, पोस्टमैन, बढ़ई, कुम्हार व लोहार आदि हैं, के बारे में जानकारी दी जाएगी। नवंबर में यातायात के साधन, दिसंबर में त्योहार व पर्व, जनवरी में मौसम व ऋतु तथा फरवरी में जल के विभिन्न रूपों के बारे में बच्चों को जागरूक किया जाएगा।
विद्यालयों को भेजी गई राशि
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कल्पना देवी के अनुसार 480 विद्यालयों में आठ माह कार्यक्रम होने हैं। इसके लिए प्रति विद्यालय 500 रुपये प्रति कार्यक्रम आवंटित किया गया है। दो माह का एक हजार रुपये पहले ही स्कूलों में भेज दिया गया था। शेष तीन हजार रुपये पुन: विद्यालयों के एसएमसी खाते में भेज दिए गए हैं। प्रधानाध्यापकों को माता उन्मुखीकरण कार्यक्रम कराने का निर्देश दिया गया है।