अमेठी। कांग्रेस को लगातार पांचवीं बार में अमेठी में सपा का साथ मिला है। यह बात अलग है कि अब तक भाजपा की स्मृति इरानी के मुकाबले कांग्रेस ने अमेठी के चुनावी रणभूमि में अपना योद्धा नहीं उतरा है।
राहुल गांधी पांचवीं बार अमेठी से मैदान में होंगे या नहीं, इस पर अभी कांग्रेस नेता भी कुछ कह पाने की स्थिति में नहीं है। कांग्रेसियों को भरोसा है कि राहुल गांधी वायनाड के साथ अमेठी से भी उम्मीदवार होंगे।
सपा ने अमेठी से तीन बार उतारे प्रत्याशी
देश की सबसे चर्चित सीट अमेठी का इतिहास टटोलें तो अब तक सपा ने सिर्फ तीन बार अपने प्रत्याशी उतारे हैं और 1996 को छोड़ दें तो दो बार सपा को करारी हार का सामना करना पड़ा। यह बात अलग है कि वर्तमान में अमेठी संसदीय क्षेत्र की पांच विधान सभा क्षेत्रों में दो बार सपा का कब्जा है।
आम चुनाव 2004 में राहुल गांधी के अमेठी आने के बाद से सपा लगातार उनका समर्थन करती चली आ रही है। सपा ने राहुल गांधी के खिलाफ कभी भी अपना प्रत्याशी नहीं उतारा। जिसका लाभ भी कांग्रेस का मिला।
आम चुनाव में लगातार घट रहा था सपा के मतों का ग्राफ
अमेठी लोकसभा का इतिहास देखें तो सपा ने सबसे पहले 1996 में मो. ईशा को मैदान में उतारा था। इस चुनाव में उन्हें 79,285 मत मिले और वह तीसरे स्थान पर रहे। कांग्रेस के कैप्टन सतीश शर्मा 1,57,868 मत पाकर विजयी हुए। भाजपा राजा मोहन सिंह को 1,17,725 मत प्राप्त कर दूसरे स्थान पर रहे।
सपा ने 1998 में शिव प्रसाद को अपना प्रत्याशी बनाया था। इस चुनाव में भाजपा ने संजय सिंह, कांग्रेस ने कैप्टन सतीश शर्मा व बसपा ने मो. नईम को टिकट दिया था। भाजपा के संजय सिंह ने 2,05,025 वोट पाकर जीत हासिल की थी।
कांग्रेस के कैप्टन सतीश शर्मा को 1,81,755, बसपा के मो. नईम को 1,51,096 व सपा के शिव प्रसाद कश्यप को 29,888 वोट मिले थे। इसके बाद जब 1999 में सोनिया गांधी अमेठी से चुनाव लड़ने आई तो उनके खिलाफ सपा कमरुज्जमा फौजी को मैदान में उतारा था।
भाजपा ने संजय सिंह को जबकि बसपा ने पारस नाथ मौर्य को टिकट दिया था। इस चुनाव में कांग्रेस की आंधी में बाकी दल उड़ गए। कांग्रेस की सोनिया गांधी को जहां 4,18,960 वोट मिले। वहीं भाजपा को 1,18,948, बसपा को 33,658 व सपा 16,678 वोट ही मिले। उसके बाद 2004 में जब से राहुल गांधी अमेठी आए। तब से सपा ने कभी भी अपना प्रत्याशी नहीं उतारा।
सपा लगातार लोकसभा के चुनावों में राहुल गांधी का समर्थन करती चली आ रही है।
सपा के समर्थन के बावजूद 2019 में राहुल गांधी को मिली पराजय
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अमेठी में 2004, 2009 व 2014 में बड़ी जीत दर्ज कर हैट्रिक लगाई। इन चुनावों में सपा ने अपने प्रत्याशी नहीं उतारा, लेकिन 2019 में सपा का समर्थन होने के बावजूद भी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भाजपा की स्मृति इरानी से 55, 120 मतों से हार गए।
हार के बाद राहुल गांधी अब तक मात्र चार बार ही अमेठी आए हैं। वर्तमान में गौरीगंज व अमेठी सीट सपा के कब्जे में है। तिलोई के साथ ही जगदीशपुर व सलोन सुरक्षित सीट पर भाजपा का कब्जा है।