चांद का हुआ दीदार, माह ए रमज़ान का पहला रोजा कल

इबादत में गुजरेगा दिन, रातों को होगी तरावीह

बाराबंकी। सूरज डूबने के साथ ही मुसलमानों की नजरें आसमान पर जम गई थीं। सबको इंतजार था रमजान के चांद के निकलने का। जैसे ही चांद का दीदार हुआ वैसे ही रमजान मुबारक का शोर हर ओर गूंज गया। एक दूसरों को मुबारकबाद देने के साथ ही लोगों ने आतिशबाजी कर खुशियां मनाईं। चांद की तस्दीक होने के साथ ही जहां सोमवार से तरावीह की नमाज शुरू हो गई, वहीं मुसलमान मंगलवार को पहला रोजा रखेंगे। चांद के दीदार होने के साथ जिले की सैकड़ों मस्जिदों में एशां की नमाज के साथ तरावीह की नमाज शुरू हो गई। जमात के साथ लोगों ने तरावीह की नमाज अदा की। कहीं तीन दिन की तरावीह तो कहीं पांच, सात, 10 और 15 दिन की तरावीह शुरू हुई। उधर शहर की शिया मस्जिदों में चांद का दीदार करने के बाद उलेमा ने चांद की फजीलतें बयान की। मुल्क की मिल्लत व हिफाजत के साथ कामयाबी और तरक्की के लिए दुआएं की गईं। उधर मुस्लिम इलाकों में चांद दिखने के साथ चहलपहल बढ़ गई। जिसको लेकर शहर से लेकर गांव कस्बों में तैयारियां जोरों से शुरू हो गई है। हर कोई रमजान से जुड़ी चीजों की खरीद फरोख्त में लगा हुआ है। वहीं घरों व मस्जिदों में साफ सफाई का दौर चल रहा है।

बड़ी फजीलत है माह-ए-रमज़ान की
जामा मस्जिद के इमाम मौलाना अबू जर काजमी के अनुसार रमज़ान के रोज़े में सहरी से इफ्तार होने के बीच में खाने पीने व जिस्मानी व अंदुरुनी ख्वाहिशातों को दूर रखना होता है। इस्लामिक कैलेंडर के इस नवें महीने की बड़ी फजीलत बताई गई है। इसी महीने में अल्लाह ने अपने प्यारे नबी हजरत मोहम्मद मुस्तफा (स.) पर कुरआन नाजिल फरमाया। रमजान के इसी महीने में एक ऐसी रात का जिक्र किया गया है। जिसमें अल्लाह का बंदा पूरी रात जाग इबादत में गुजारते हुए अपने गुनाहों की तौबा करता है। जो कि अल्लाह उसकी दुआओं को कुबूल कर उसके सारे गुनाहों को मांफ कर देता है।

Related Articles

Back to top button