स्वजन को दी सांत्वना, कर्बला में किया गया सुपुर्दे खाक
बाराबंकी। हसनैन हैदर समाजसेवी के साथ ही एक इंक़लाबी शख्सियत के मालिक थे। उनकी करिश्माई व्यक्तित्व से लोग बेहद मुत्तासिर रहते थे। हसनैन मेरे भाई जैसे थे। मैं बहराईच से निकलता था तो बाराबंकी में उनके घर ज़रूर आता था। उनकी मोहब्बत के जज़्बे की कशिश ऐसी थी कि मैं इस वक़्त उनके घर पर हूँ। अल्लाह मरहूम के दरजात को बुलन्द करे। ये बात केरल के गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान ने समाजसेवी हसनैन हैदर के इंतेक़ाल पर कटरा स्थित आवास पर पत्रकारों के सवाल में कही।
रविवार को समाजसेवी हसनैन हैदर के इंतेक़ाल की खबर पर शोक व्यक्त करने और स्वजन को सांत्वना देने के लिए केरल के गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान शाम साढ़े पांच बजे केरल से बाराबंकी पहुंचे। जहां स्व हसनैन हैदर के घर पर आकर भाई हसन अब्बास, बेटों अबु तालिब और अबु तुराब को गले लगा लिया दिलासा दिया। घर मे आकर यतीमों के सर पर शफ़क़त का हाथ फेरा और भाई हसन से पूरी दास्तान सुनी। हसन हैदर ने बताया परसो रात अचानक तबियत खराब हुई, लारी ले जाया गया। जहाँ बीती रात अचानक दोबारा अटैक से उनका इंतकाल हो गया। रविवार की सुबह कर्बला सिविल लाइन्स में बड़े मजमे के बीच सुपुर्दे खाक किये गए। वह अपने पीछे दो बेटे एक बेटी छोड़ गए।
गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान ने स्व हसनैन हैदर की बुजुर्ग माँ से मुलाक़ात कर आंसुओ का पुरसा पेश किया। इस मौके पर बहनोई एडवोकेट हसन मेहदी, इफ्तिखार हुसैन और नदीम अब्बास मसूद रिज़वी बिलखते हुए ताज़ियत ले रहे थे। हसनैन हैदर के इंतेक़ाल पर उनको पुरसा देने वालो में न्यायमूर्ति आबिद शमीम, बाक़र शमीम, पूर्व राज्यमंत्री शादाब फ़ातिमा, विधायक सुरेश यादव, पूर्व सांसद रामसागर रावत, पूर्व सांसद पीएल पुनिया, पूर्व मंत्री राकेश वर्मा, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव अरविंद सिंह गोप, इंजीनियर नसीम हैदर रिज़वी, समाजवादी चिंतक राजनाथ शर्मा, तनुज पुनिया के अलावा बड़ी से संख्या में लोगो ने खिराजे अक़ीदत पेश की।