Weather Update: मार्च का दूसरा हफ्ता शुरू हो चुका है। अभी भी उत्तर भारत के राज्यों में रात के वक्त सड़कों पर लोगों को आग तापते हुए देखा जा सकता है। दरअसल उत्तर भारत के ज्यादातर राज्यों में अभी भी न्यूनतम पारे में बढ़ोतरी दर्ज नहीं हुई है। दिन का तापमान रात के तापमान से दोगुने से भी ज्यादा के स्तर पर पहुंच चुका है। मौसम विभाग की मानें तो अगले कुछ दिनों तक इसी तरह का तापमान उत्तर भारत में बना रहेगा।
विभाग का मानना है कि लगातार बनी पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के चलते ही ऐसा हो रहा है। विभाग के मुताबिक रविवार रात से लेकर इस पूरे हफ्ते एक बार फिर से पश्चिम विक्षोभ की सक्रियता का असर उत्तर पश्चिमी हिमालय रीजन में बना रहेगा। पश्चिमी विक्षोभ की यह सक्रियता रविवार देर रात से शुरू होने वाली है।
आंकड़ों के मुताबिक उत्तर भारत के कुछ राज्यों में अभी भी न्यूनतम पारा 10 डिग्री से कम पर बना हुआ है। उत्तर भारत में हरियाणा के करनाल में बीती रात सबसे कम तापमान साढ़े सात डिग्री सेल्सियस के करीब रिकॉर्ड किया गया। विभाग के वैज्ञानिकों का अनुमान है कि अगले 7 दिनों के भीतर रात के तापमान में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी होने के कोई आसार नही है। देश की राजधानी दिल्ली और एनसीआर समेत आसपास के इलाकों में रात का पारा अगले एक सप्ताह तक 10 से 13 डिग्री सेल्सियस के बीच बने रहने की संभावना है। जबकि अधिकतम तापमान में इस इलाके में 30 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है।
मौसम विभाग के वैज्ञानिकों का मानना है कि सिर्फ दिल्ली एनसीआर ही नहीं बल्कि पंजाब हरियाणा पश्चिमी उत्तर प्रदेश और चंडीगढ़ के हिस्सों में भी रातों के तापमान में कोई खास बढ़ोतरी नहीं दर्ज होने वाली। अनुमान के मुताबिक राज्यों में भी न्यूनतम पर अलग-अलग जगह पर 11 डिग्री से लेकर 14 डिग्री सेल्सियस तक ही रहने का अनुमान है।
मौसम विभाग का मानना है कि तापमान की यह असमानता अधिकतम और न्यूनतम पारे के बीच में तकरीबन दो गुने से ज्यादा के बीच में बनी हुई है। वैज्ञानिकों का कहना है कि अगले एक सप्ताह तक इसी तरह से मौसम बना रह सकता है। इसके पीछे की वजह बताते हुए मौसम वैज्ञानिक आलोक यादव कहते हैं कि दरअसल पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता लगातार उत्तर पश्चिम भारत में बनी हुई है। यही वजह है कि रातों के तापमान में बहुत तेजी से बढ़ोतरी नहीं हो पा रही है।
मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक रविवार देर शाम से एक बार फिर उत्तर पश्चिमी हिमालय रीजन में पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता होने जा रही है। इसका असर अगले शनिवार तक उत्तर भारत के अलग-अलग राज्यों में देखने को मिल सकता है। विभाग के वैज्ञानिकों का कहना है कि इस विचार की सक्रियता का असर बहुत ज्यादा नहीं होने वाला है। यानी अगले एक सप्ताह तक मौसम में तब्दीली तो रहेगी, लेकिन बहुत ज्यादा बारिश और थंडरस्टॉर्म के साथ पहाड़ के ऊंचे हिस्से पर भारी बर्फबारी नहीं होगी।