नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शनिवार 9 मार्च को कई स्थानों पर छापेमारी के बाद राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के करीबी सुभाष यादव को पटना से गिरफ्तार कर लिया। उन्हें आज अदालत में पेश किया गया और न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बिहार में ‘‘अवैध’’ रेत खनन से संबंधित धनशोधन मामले की जांच के तहत राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से कथित तौर पर जुड़े सुभाष यादव नाम के व्यक्ति को पटना से गिरफ्तार किया है। आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी।
राज्य की राजधानी में यादव और उनके सहयोगियों के आधा दर्जन परिसरों पर छापे मारे। सूत्रों ने बताया कि यादव को शनिवार देर रात गिरफ्तार किया गया और जिन विभिन्न परिसरों पर छापेमारी की गई, वहां से लगभग 2.3 करोड़ रुपये नकद जब्त किए गए।
उन्होंने बताया कि रेत खनन गिरोह के ‘‘अहम सिंडिकेट सदस्य’’ होने के आरोपी यादव को सोमवार को पटना में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) मामलों की सुनवाई करने वाली विशेष अदालत में पेश किए जाने की संभावना है।
सूत्रों ने बताया कि वह अतीत में राजद के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं। धनशोधन का यह मामला बिहार पुलिस द्वारा ‘ब्रॉडसन कमोडिटीज प्राइवेट लिमिटेड’ (बीसीपीएल) और उसके निदेशकों के खिलाफ दर्ज की गई 20 प्राथमिकियों से जुड़ा है। उन पर आरोप है कि वे ई-चालान के बिना रेत का अवैध खनन और बिक्री करते थे।
प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले साल मामले में बिहार विधान परिषद के सदस्य और जनता दल-यूनाइटेड नेता राधा चरण साह, उनके बेटे कन्हैया प्रसाद और ब्रॉडसन कमोडिटीज के निदेशक मिथिलेश कुमार सिंह, बबन सिंह तथा सुरेंद्र कुमार जिंदल को गिरफ्तार किया था और वे वर्तमान में न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं।
एजेंसी ने नवंबर 2023 में पटना की विशेष पीएमएलए अदालत में उनके खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार, कथित रेत व्यापार को एक सिंडिकेट द्वारा नियंत्रित किया जाता है, जिसने उक्त कंपनी में धन निवेश किया था और यह सिंडिकेट अवैध रूप से रेत बेचकर लाभ कमाता है, जो आपराधिक कृत्यों से अर्जित होने वाली आय है। उसने दावा किया कि इस मामले में आपराधिक कृत्यों से 161 करोड़ रुपये की आय अर्जित की गई।