खाकी और खादी के गठजोड़ से चल रहा अवैध खनन
- मालामाल होते जा रहे अधिकारी और छुटभैये नेता!
- अवैध खनन कर सरकार को चुनौती दे रहे खनन माफिया
निष्पक्ष प्रतिदिन/लखनऊ
अवैध खनन करने वाले माफियाओं का यह हमारे कानून, सिस्टम व पुलिस-प्रशासन को सीधा-सीधा चैलेंज नहीं तो और क्या है। इन माफियाओं द्वारा कानून व हमारी पुलिस को खुली चुनौती के पीछे सीधा-सीधा नेताओं का संरक्षण है। प्रदेश में एक भी खनन माफिया ऐसा नहीं मिलेगा जिसे किसी न किसी राजनीतिक दल या उसके वरिष्ठ नेताओं, मंत्रियों, विधायकों से संरक्षण न मिला हो, बशर्ते जांच ईमानदारी से हो तो। पुलिस को चाहिए कि अब चिर निद्रा से जागे और राजधानी कई सदर तहसील के मलिहाबाद सहित विभिन्न थानाक्षेत्रों में सरकारी कामों की आड़ में अवैध खनन में संलिप्त माफियाओं की सूची तैयार करें जो कृषि योग्य उपजाऊ जमीनों पर अवैध खनन का खेल सरेआम खेलते आ रहे हैं।
इस जांच में यह भी पता लगाया जाए कि इन माफियाओं को संरक्षण कहाँ से मिल रहा है? क्या इनके अवैध खनन के इस धंधे में कोई नेता, उनके परिजन, रिश्तेदार या चेले-चपाटे भी हिस्सेदार हैं? पूरे जिले में यह सर्वे करने के उपरांत उसे सार्वजनिक करे और फिर चुन-चुन कर सभी माफियाओं और उनके आका नेताओं का हिसाब किया जाए जो अवैध खनन करते व करवाते आ रहे हैं। लेकिन अफसोस लखनऊ की बख्शी का तालाब,सदर,मोहनलालगंज व मलिहाबाद में अवैध खनन पर लाखों रुपये का जुर्माना लगा कर अवैध खनन बंद कराया गया।लेकिन आज तक जुर्माने की कितनी धनराशि वसूली गयी।यह कोई भी अधिकारी बताने को तैयार नहीं है।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में अवैध खनन हमेशा से बड़ा मुद्दा रहा है। पिछली सरकारों में खूब जमकर अवैध खनन हो रहा था और उसको राजनीतिक संरक्षण भी प्राप्त था। योगी सरकार सत्ता में आने के बाद से ही अवैध खनन के खिलाफ सख्त रही है। समय-समय पर प्रदेश में अवैध खनन को रोकने के लिए अभियान चलाया जाता रहा है।लेकिन राजधानी की सदर तहसील क्षेत्र के अंतर्गत मलिहाबाद थानाक्षेत्र में बंशीगढ़ी गांव में खनन माफिया दिन रात अवैध खनन करके सरकार को खुली चुनौती दे रहे हैं। प्रशासन की नाक के नीचे दिन रात सरकारी कामों की आड़ में कृषि योग्य जमीनों पर अवैध खनन रुकने का नाम नहीं ले रहा है। मिट्टी से भरे डंपर दिन रात सड़कों पर दौड़ रहे हैं। पुलिस और तहसील प्रशासन जानते हुए भी खनन विभाग का काम बताकर अपना पल्ला झाड़ रहा है।ग्रामीणों के मुताबिक खनन माफिया प्रशासन पर इस कदर हावी है कि जेसीबी मशीन से दिन रात कृषि योग्य जमीनों पर अवैध खनन कर सरकार को करोड़ों रुपये राजस्व का चूना लगा रहे हैं।
मिट्टी से लदे डंपर दिन रात सड़कों पर खुलेआम दौड़ रहे हैं। लोगों का कहना है कि जेसीबी व डंपरों की आवाजों से दिन भर खेती करने वाले किसानों के कान गूंजते रहते हैं। पुलिस से शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं होती है। खनन करके जा रहे डंपर तेज रफ्तार से गुजरतें हैं। जिससे सड़क हादसे भी हो रहे हैं।सदर तहसील के उपजिलाधिकारी अंकित शुक्ला का कहना है कि क्षेत्र में अवैध खनन किसी भी सूरत में नहीं होने दिया जाएगा। लेकिन सदर तहसील क्षेत्र में अवैध खनन हो रहा है।लेकिन मोटी कमाई होने के कारण अवैध खनन पर अधिकारी चुप्पी साधे हैं। खनन माफिया उत्तर प्रदेश सरकार के लोकप्रिय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के चौकस कानून व्यवस्था और शासन के आदेशों को ठेंगा दिखाते हुए अपनी तानाशाही सरकार चलाकर आम जनता,सड़कें,कृषि योग्य भूमि एवं पर्यावरण के साथ उसी प्रकार खिलवाड़ कर रहें हैं, सरकारी कामों की आड़ में कृषि योग्य उपजाऊ भूमियों पर दिन-रात अवैध खनन कर प्रतिदिन सैकड़ों डंपर मिट्टी खुले बाजार में बेची जा रही है।
और इसका खामियाजा पूरे क्षेत्र से लेकर सरकार को भोगना पड़ रहा है।वहीं सड़कों पर मिट्टी भरे ओवरलोड वाहन चलने से सड़कें पूरी तरह खराब हो गई है।जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि अवैध खनन पर जिलाधिकारी जवाबदेह होंगे। उन्होंने अवैध खनन के मामलों में जिलाधिकारी की जवाबदेही तय करके सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे।वहीं मुख्यमंत्री ने खनन में सर्वोच्च न्यायालय के दिशा निर्देशों का हर स्तर पर पालन सुनिश्चित करने को भी कहा था।लेकिन सदर तहसील क्षेत्र के अंतर्गत मलिहाबाद थानाक्षेत्र के बंशीगढ़ी गांव में सफेदपोश नेताओं के संरक्षण में खुलेआम अवैध खनन कर मुख्यमंत्री के निर्देशों को चुनौती दे रहे हैं।
खाकी और खादी के संरक्षण में योगी सरकार की छवि को धूमिल करने में लगे खनन माफिया
खनन के खेल के पीछे सफेदपोश भी हैं, जिनकी शह पर माफिया बेखौफ हैं। पुलिस-प्रशासन भी खामोश रहता है। मिट्टी या रेत का अवैध खनन हो या फिर मौरंग का अवैध धंधा। कहीं-न-कहीं, किसी-न-किसी सफेदपोश से इसके तार जुड़े हैं। एक तरह से खनन माफिया उनकी सरपरस्ती में ही पनप रहे हैं। सफेदपोश भी मोटी कमाई कर रहे हैं।
खाकी और खादी के संरक्षण में सदर तहसील के मलिहाबाद थानांतर्गत बंशीगढ़ी गांव में खनन माफिया बिना किसी खौफ के सरेआम अवैध खनन कर रातों रात लखपति बनते जा रहे हैं। साथ ही अधिकारी और सत्ताधारी छुटभैया नेता भी मालामाल हो रहे हैं, तो वहीं खनन माफिया अवैध खनन कर योगी सरकार की छवि को धूमिल करने में लगे हैं।
अवैध खनन से पड़ रहा है पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव ?
वर्तमान में पर्यावरण संरक्षण भारत का ही नहीं विश्व का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण मुद्दा है।लेकिन बीकेटी व सदर तहसील क्षेत्र में सरकारी व निजी कामों की आड़ में किए जा रहे अवैध खनन से पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। एक सीमा तक खनन का खास दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है, लेकिन अनियंत्रित और अवैध खनन से पर्यावरण को बहुत नुकसान होता है।अति दोहन से तापमान में वृद्धि और वर्षा की अनियमितता जैसे दुष्प्रभाव सामने आते हैं। विभिन्न प्रकार के जीव-जंतुओं को भी नुकसान होता है। इसलिए अवैध खनन को रोकना तो बहुत जरूरी है।
खतरे में समाजसेवी और पत्रकार
समाजसेवियों,पत्रकारों और यहां तक कि पुलिसकर्मियों की पिटाई के कई मामले हैं, जिनमें खनन माफियाओं के खिलाफ लगभग कोई कार्रवाई नहीं की जाती है।स्थानीय प्रशासन का लापरवाह रवैया इन क्षेत्रों में काम करने वाले पर्यावरण कार्यकर्ताओं और पत्रकारों एवं समाजसेवियों को खतरे में डालता है। जब वे इन क्षेत्रों में जाते हैं, तो अक्सर खनन माफिया के गुंडों द्वारा उनकी पिटाई की जाती है और उनके कैमरे या फोन तोड़ दिए जाते हैं।