- प्रदेश के छात्र-छात्राओं को पढ़ाई के दौरान ही कौशल विकास से जोड़ने के लिए योजना पर कार्य कर रही योगी सरकार
- हायर सेकेंड्री स्कूलों के क्लास 9 से 12वीं तक के छात्र-छात्राओं को 11 ट्रेड्स में दिया जा रहा कौशल विकास प्रशिक्षण
- माध्यमिक शिक्षा और उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के बीच हुए एमओयू के तहत संचालित किया जा रहा ‘प्रोजेक्ट प्रवीण’
प्रदेश के छात्र, छात्राओं को पढ़ाई के दौरान ही कौशल विकास से जोड़ने के लिए योगी सरकार अपनी महत्वाकांक्षी योजना प्रोजेक्ट प्रवीण चला रही है। इस योजना के अंतर्गत युवाओं को निशुल्क स्किल ट्रेनिंग और नए जमाने के कोर्स के माध्यम से रोजगार प्राप्त करने के लिए तैयार किया जा रहा है। ये प्रोजेक्ट क्लास 9वीं से 12वीं के स्टूडेंट के लिए है जो राज्य के हायर सेकेंड्री स्कूल में पढ़ रहे हैं। इसके तहत, अब तक प्रदेश में 61 हजार से ज्यादा छात्र, छात्राओं को कौशल विकास के विभिन्न कोर्सेज में प्रशिक्षण प्रदान किया जा चुका है। इस प्रशिक्षण के माध्यम से ये छात्र एवं छात्राएं अपने भविष्य को संवारने में जुट गए हैं। उल्लेखनीय है कि‘प्रोजेक्ट प्रवीण’ माध्यमिक शिक्षा और उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के बीच हुए एक एमओयू के तहत संचालित किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य राज्य के एजुकेशन सिस्टम और करिकुलम को नया रूप देना है।
2022-23 में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में हुई शुरुआत
प्रदेश के व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमशीलता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने बताया कि प्रोजेक्ट प्रवीण की शुरुआत वर्ष 2022-23 में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू की गई है। इस दौरान प्रदेश के 150 राजकीय माध्यमिक बालक एवं बालिका विद्यालयों में 20,582 छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षण दिया गया। साथ ही कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय भी इस योजना से जोड़े गए हैं, जिनमें 3,450 छात्राओं ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। इसी तरह, वर्ष 2023-24 में प्रोजेक्ट प्रवीण के अंतर्गत कुल 315 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों को शामिल किया गया है। इन संस्थानों के जरिए अब तक 61,400 विद्यार्थियों को कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। कौशल विकास मंत्री ने बताया कि माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा 9 से 12 में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को नियमित अध्ययन के साथ प्रतिदिन उनकी रुचि के अनुसार चुने हुए ट्रेड्स में जैसे आईटी सेक्टर, इलेक्ट्रॉनिक्स, ब्यूटीशियन, हेल्थकेयर, अपैरल, अकाउंटिंग आदि में निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जा रहा है। सभी पाठ्यक्रम नेशनल काउंसिल फॉर वोकेशनल एजूकेशन एंड ट्रेनिंग द्वारा अखिल भारतीय स्तर पर प्रमाणित व अनुमोदित है। प्रशिक्षण और मूल्यांकन के बाद छात्रों को प्रमाण पत्र भी दिया जा रहा है, जो संपूर्ण देश में मान्य है।
माध्यमिक स्कूल का विद्यार्थी होना अनिवार्य
प्रोजेक्ट प्रवीण के तहत ट्रेनिंग करने वाले स्टूडेंट्स को प्राइवेट ट्रेनिंग सेंटर द्वारा स्कूल में ही ट्रेनिंग दी जाती है। ट्रेनिंग देने वाले ट्रेनर टीओटी सर्टिफाइड ट्रेनर होते हैं। यहां टीओटी का मतलब है ट्रेनिंग ऑफ टीचर्स जो कि स्किल डेवलपमेंट मिशन के तहत रजिस्टर होते हैं। वहीं अगर किसी कारणवश स्टूडेंट्स 10वीं या 12वीं के बाद अपनी पढ़ाई को बीच में छोड़ते हैं तो वह प्रोजेक्ट प्रवीण के प्रशिक्षण से जुड़े सर्टिफिकेट के द्वारा नौकरी या रोजगार प्राप्त कर सकते हैं। इसके माध्यम से आवेदन करने वाले स्टूडेंट्स को सरकारी माध्यमिक स्कूल का विद्यार्थी होना चाहिए। इसके साथ ही छात्र का 10वीं एवं 12वीं कक्षा में अध्यनरत होना आवश्यक है, तभी वो इस योजना के अंतर्गत पात्र हो सकते है।