गोरखपुर। हरपुर बुदहट थाना के परमेश्वरपुर केवटहिया में 14 अक्टूबर 2023 को 50 वर्षीय झीलन की दोपहर दो बजे ट्रांसफार्मर से चिपककर मृत्यु हो गई थी। 100 केवीए क्षमता का ट्रांसफार्मर उनके घर के सामने लगा है। सूचना पर लाइनमैन पहुंचा तो उसने कहानी ही बदल दी।
रिपोर्ट दी कि झीलन की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। घर में कलह के कारण वह ट्रांसफार्मर पर चढ़ गया और 11 हजार वोल्ट के तार को हाथ से पकड़ लिया। उस समय बिजली आपूर्ति हो रही थी इस कारण तत्काल झीलन की मृत्यु हो गई। इसी रिपोर्ट के आधार पर उपकेंद्र के जेई मनोज कुमार ने आत्महत्या की रिपोर्ट बना दी।
सहजनवां के एसडीओ पुष्पेंद्र सिंह ने भी बिना दिमाग लगाए पारिवारिक विवाद में आत्महत्या की रिपोर्ट लगा दी। विद्युत सुरक्षा निदेशालय की जांच में सामने आया है कि अभियंताओं ने अपना दोष छिपाने के लिए आत्महत्या की कहानी रची थी। विद्युत सुरक्षा निदेशालय की रिपोर्ट में मृत्यु की वजह ट्रांसफार्मर से चिपकना बताई गई।
कहा गया कि ट्रांसफार्मर के चारों ओर फेंसिंग (ट्रांसफार्मर के चारों तरफ बाड़ लगाना) नहीं था। झीलन उधर से गुजर रहे थे कि मानसिक नियंत्रण खोने के कारण शारीरिक संतुलन बिगड़ गया और वह ट्रांसफार्मर की हाईटेंशन लाइन के संपर्क में आ गए। विद्युत सुरक्षा निदेशालय के गोरखपुर परिक्षेत्र के उप निदेशक मनोज शर्मा ने रिपोर्ट के आधार पर पीड़ित स्वजन को मुआवजा देने को कहा है। साथ ही फेंसिंग न होने के लिए अनुरक्षण स्टाफ को उत्तरदायी माना है।
जिससे लगा करंट, उसकी भी नहीं हुई फेंसिंग
झीलन को जिस ट्रांसफार्मर से करंट लगा, उसकी अब तक फेंसिंग नहीं हो पायी है। तकरीबन छह महीने बीतने के बाद भी कोई अभियंता मौके पर नहीं गया। झीलन के घर वालों ने बांस में रस्सी बांधकर फेंसिंग बनाई है। झीलन की पत्नी देवंता देवी कहती हैं कि अब कोई ट्रांसफार्मर की ओर बढ़ता है तो बच्चे शोर मचाकर मना करने लगते हैं। देवंता के ऊपर तीन बेटों व एक बेटी के पालन-पोषण का जिम्मा है।
अभियंताओं को भी नहीं पता कितने ट्रांसफार्मर जानलेवा
बिजली निगम के अभियंताओं को भी पता नहीं है कि कितने ट्रांसफार्मर बगैर फेंसिंग सड़क किनारे रखे गए हैं। जिले में विभिन्न भार वर्ग के 49 हजार 588 ट्रांसफार्मर स्थापित हैं। सबसे ज्यादा 10 हजार 542 ट्रांसफार्मर वितरण खंड द्वितीय में स्थापित हैं। अभियंताओं के पास एक-एक ट्रांसफार्मर का रिकार्ड है लेकिन आज तक बगैर फेंसिंग जमीन या चबूतरे पर रखे गए ट्रांसफार्मर की कोई सूची नहीं बनायी गई है। सिकरीगंज खंड के अधिशासी अभियंता संतोष कुमार ने कहा कि सूची बनायी जाएगी।
सड़क किनारे खुले में रखे गए कई ट्रांसफार्मर, आमजन को बना रहता है दुर्घटना का डर गोरखपुर
सिर्फ परेश्वरपुर केवटहिया में ही बिना फेंसिंग ट्रांसफार्मर नहीं रखा गया है, जिले के कई इलाकों में यही स्थिति है। ब्रह्मपुर क्षेत्र के नई बाजार में बाजार में बिना फेंसिंग का चार सौ केवीए क्षमता का ट्रांसफार्मर है। जेई परमेश्वर लाल का कहना है कि सुरक्षा घेरा के लिए सूचना दे दी गई है, सामान मिलते ही काम करा दिया जाएगा।
उरुवा के माल्हनपार रोड के किनारे खुले में 250 केवीए का ट्रांसफार्मर रखा गया है। बेलासपुर में भी इसी क्षमता का ट्रांसफार्मर जमीन पर रखा है। इससे सटकर कई पशुओं की मृत्यु हो चुकी है। कुछ वर्ष पहले उरुवा-गोरखपुर मार्ग पर टाड़ी गांव के सामने सड़क किनारे रखे गए ट्रांसफार्मर से सटकर युवक की मृत्यु हो गई थी। सिकरीगंज कस्बे में सड़क किनारे रखे गए चार सौ केवीए क्षमता के ट्रांसफार्मर से सटकर कई पशुओं की मृत्यु हो चुकी है। पिपरौली ब्लाक के जैतपुर में अमृत सरोवर के पास 100 केवीए का ट्रांसफार्मर तीन वर्ष से रखा है।
जेई नौसढ़ विपिन सिंह ने बताया कि एस्टीमेट बनाकर भेजा गया है। रुपये मिलते ही फेंसिंग कराई जाएगी। कैंपियरगंज के नगर पंचायत चौमुखा के काली मंदिर रोड के बगल में चार सौ केवीए क्षमता का ट्रांसफार्मर लगाया गया है। फेंसिंग न होने और ट्रांसफार्मर के चारों तरफ उगी घास खाने के लिए पहुंचने वाले कई पशुओं की मृत्यु हो चुकी है। गोला उरुवा मार्ग पर गोपालपुर में सड़क के किनारे रखे गए ट्रांसफार्मर से दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। बेलघाट में भी यही हाल है। सिकरीगंज के अधिशासी अभियंता संतोष कुमार ने कहा कि एक महीने में फेंसिंग करा दी जाएगी।
पीड़ित को मिलेगा पांच लाख रुपये का मुआवजा
बिजली निगम की लापरवाही से करंट से मृत्यु होने की स्थिति में विद्युत सुरक्षा निदेशालय की रिपोर्ट के आधार पर कम से कम पांच लाख रुपये का मुआवजा दिया जाता है। कुछ दिनों में राज्य सरकार ने मुआवजा की राशि बढ़ाकर साढ़े सात लाख रुपये करने की घोषणा की थी लेकिन अभी इसका शासनादेश जारी नहीं हुआ है।