संपूर्ण समाधान दिवस में समस्याओं का समाधान न होने से समाधान दिवस से लोगों का उठ रहा विश्वास!

  • संपूर्ण समाधान दिवस में नहीं निपट रहीं फरियादियों की समस्याएं
  • एक ही समस्या को लेकर बार बार अधिकारियों के चक्कर काट रहे फरियादी

निष्पक्ष प्रतिदिन,लखनऊ। यूपी सरकार ने तहसील दिवस का नाम बदलकर संपूर्ण समाधान दिवस इसलिए किया था, कि फरियादियों की शिकायतों का शत प्रतिशत निस्तारण हो सके। लोगों के दिल और दिमाग में सरकार की छवि साफ सुथरी बने और उन्हें समय से न्याय मिल सके लेकिन नाम बदलने के बाद भी कोई असर नहीं हुआ।देखने में आया है,कि तहसील बीकेटी में आयोजित होने वाले संपूर्ण समाधान दिवसों में आने वाले प्रार्थना पत्रों का निस्तारण धरातल पर नहीं किया जा रहा है। अधिकारी अपने दस्तावेज में ही समस्याओं का निस्तारण दिखाकर वाहवाही लूट रहे हैं।जबकि जनता की शिकायतों का त्वरित निस्तारण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्टों में से एक है।और वह इस पर लगातार सख्त भी दिख रहे हैं।लेकिन तहसील से लेकर जिले तक के अधिकारी जनसमस्याओं के निस्तारण में सिर्फ कागजी कोरम पूरा कर रहें हैं।जिससे समाधान दिवस में समस्याओं का निराकरण कराना अब फरियादियों के लिए आसान नहीं रह गया है। तमाम लोग ऐसे हैं,जिन्हें तहसील में बार-बार आकर शिकायत करनी पड़ रही है।लेकिन उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है। इससे लोगों का समाधान दिवस से विश्वास उठता जा रहा है।

ग्राम पंचायत विजयपुर मजरा चन्दाकोडर निवासी बलकरन यादव ने बताया कि आज हम तहसील संपूर्ण समाधान दिवस में सरकारी चकमार्ग को अवैध कब्जामुक्त करवाने के लिए शिकायत लेकर चौथी बार आएं हैं।उन्होंने बताया कि 27 फ़रवरी 2024 को तहसीलदार को लिखित प्रार्थना पत्र देकर गांव के चकमार्ग गाटा संख्या -470 को चिन्हांकन कराकर प्लाटिंग करने वाले भूमाफिया से कब्जामुक्त कराये जाने का अनुरोध किया था।बलकरन ने बताया कि पूर्व में भी चकमार्ग को कब्जामुक्त कराये जाने के लिए सम्पूर्ण समाधान दिवस में 04 मई 2022,24 दिसम्बर 2022 एवं 07 अक्टूबर 2023 को लिखित शिकायत की थी।लेकिन राजस्व कर्मचारियों एवं अधिकारियों की खाऊ कमाऊ नीति के चलते आज तक उक्त चकमार्ग को भूमाफियाओं से कब्जा मुक्त करा दिया जाय।लेकिन चकमार्ग से अब तक अवैध कब्जा हटवाये न जाने के कारण चकमार्ग गाटा संख्या – 470 पर भूमाफिया द्वारा प्लाटिंग कर बाउंड्री वाल बनाकर चकमार्ग को समाप्त किया जा रहा है ।

अमरेंद्र सिंह ने बताया कि हमने 20 जनवरी 2024 को तहसील संपूर्ण समाधान दिवस में तहसील क्षेत्र के कन्हईपुर मजरा कुम्हरावा में प्लाट गाटा संख्या 842 पर मेमर्स केजर फूड्स कम्पनी संचालित की जा रही है। जिसमें आटा मिल व चोकर के साथ अन्य वस्तुओं का भी उत्पादन किया जाता है,और पैकेजिंग का कार्य किया जाता है। किसी प्रकार का अनापत्ति प्रमाण पत्र प्रदूषण विभाग से प्राप्त नहीं किया गया है। उक्त कम्पनी में नियमों के विपरीत मनमाने ढंग से श्रमिकों से कार्य करवाया जा रहा है जिससे श्रमिकों के हक व सुरक्षा पर भी गम्भीर प्रश्न चिन्ह है।किसानों ने कहा कि उपरोक्त कम्पनी द्वारा प्रदूषण नियन्त्रण के यन्त्र भी नहीं लगाए गये हैं। ऐसा जानकारी में आया है। वहीं कम्पनी के द्वारा प्रदूषण फैलाया जा रहा है।जिससे ग्रामीणों को विभिन्न बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है।वहीं धुए से फसलों को भी भारी नुकसान हो रहा है।इसी क्रम में अमरेंद्र सिंह ने दूसरी शिकायत ग्राम पंचायत कठवारा में बनाई गई गौशाला में जमकर किये गए भ्रष्टाचार की जांच करवाकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।उन्होंने अपने शिकायतीपत्र में कहा था कि गौशाला निर्माण पैक्स पेड संस्था के द्वारा एक करोड़ 20 लाख की लागत से कार्य करवाया गया है।

शिकायत किये जाने के बाद अधिकारियों के द्वारा संस्था के खिलाफ निर्माण कार्य में धांधली की रिपोर्ट लगायी गयी है। लेकिन अभी तक कार्यदाई संस्था के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गयी है।जबकि पुराने पत्र में भी रिपोर्ट संस्था के खिलाफ है।वहीं खंडविकास अधिकारी व उप मुख्य चिकित्साधिकारी बीकेटी ने अपनी जांच रिपोर्ट में कहा है कि चरही निर्माण व तार वायरिंग सही नहीं है,लेकिन अभी तक कोई भी कार्रवाई नहीं की गयी है।इसी क्रम में इत्यादि गांव की ग्राम प्रधान शमशुल निशा ने बताया कि गांव में भूमि गाटा संख्या 405 जो कि राजस्व अभिलेखो में बंजर भूमि दर्ज है । जिसपर भू – माफियाओं द्वारा अवैध कब्जा किया जा रहा है , जिस सम्बन्ध में कई बार शिकायत की गई है।परन्तु अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।आज फिर आयी हूं।ग्राम चंदाकोडर के मजरा दिनकरपुर झलौवा के गाटा 456 पर दर्ज सरकारी चकमार्ग एवं सरकारी हौजिया के अतिक्रमण को लेकर लगभग 05 बार से अधिक प्रार्थना पत्र समाधान दिवस पर दिये है, पर जाँच के नाम पर आज भी पूरा प्रकरण वैसे ही लंबित पड़ा है। भूमाफिया द्वारा दोबारा नापे गये चकमार्ग को कल अपने खेत में मिलाकर जोत लिया गया है।जिसकी सूचना मेरे द्वारा लेखपाल को दी गयी है। पर उन्होंने बताया कि चकमार्ग सोहनलाल , कन्हैयालाल,मेवा शैलेन्द्र आदि के खेतो में निकला है। सरकारी जमीनों पर सोहनलाल , कन्हैयालाल,मेवा,शैलेन्द्र आदि ने कब्जा कर रखा है।

इसी तरह से अल्दमपुर गांव के पूर्व प्रधान अतुल शुक्ला भी 300 बीघे की सौतल झील को अवैध कब्जामुक्त कराने के लिए दर्जनों बार संपूर्ण समाधान दिवस में शिकायत कर चुके हैं।लेकिन आज तक कोई कार्रवाई तहसील प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गयी।इसी क्रम में रविन्द्र कुमार ने बताया कि ग्राम पंचायत उनई के मजरा हेमी में ग्राम स‌माज की नवीन परती की जमीन गाटा संख्या 84 रकबा 0.280 हेक्टेयर पर गाँव के दबंग उदय प्रताप सिंह उर्फ लल्लन सिंह ने 29 दिसंबर 2023 से जबरन कब्जा करके उसको बाउन्ड्री वाल से घेर रखा है, जबकि उक्त भूमि पर धारा 67 की कार्रवाई चल रही है तथा गाटा या 83 जो कि राजस्व अभिलेखों में खलिहान के रूप में दर्ज है,और उस पर भी अवैध कब्जे के सम्बन्ध में गांव के जियालाल ने उपजिलाधिकारी को एवं तहसील संपूर्ण समाधान दिवस में कई प्रार्थना पत्र दिया है। जिस पर आज तक न तो जांच ही की गयी और न ही कोई कार्रवाई नहीं की गयी।

शिकायतों के निस्तारण का अधिकारी नहीं करते भौतिक सत्यापन

तहसील संपूर्ण समाधान दिवस में प्राप्त शिकायतों का निस्तारण कराने में तहसील स्तरीय अधिकारी लापरवाही बरत रहे हैं।समाधान दिवस पर लोग शिकायतें करते हैं, मगर निस्तारण के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है।शिकायतों का निस्तारण गुणवत्तापूर्ण निस्तारण हुआ कि नहीं, इसका संबंधित अधिकारी भौतिक सत्यापन तक नहीं कर रहें हैं, और शिकायतकर्ता को बिना संतुष्ट किये ही संबंधित जांच अधिकारी द्वारा लिखकर भेज दिया जाता है कि शिकायत का निस्तारण हो गया है। जिससे शिकायतकर्ता एक ही शिकायत को लेकर महीनों अधिकारियों के चक्कर लगाने को मजबूर हैं।

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