बीजिंग। पूर्वी लद्दाख में बने गतिरोध को दूर करने और दोनों पक्षों के लिए स्वीकार्य हल निकालने के लिए चीन और भारत रचनात्मक वार्ता कर रहे हैं। चीन के लिए भारत बहुत महत्वपूर्ण है और वह दोनों देशों की सीमाओं पर शांति कायम रखना चाहता है। यह बात चीन की सेना ने प्रेस कान्फ्रेंस आयोजित कर कही है।
पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच करीब चार वर्षों से गतिरोध की स्थिति बनी हुई है। यह स्थिति कोरोना काल में चीनी सेना के आगे बढ़ आने के कारण पैदा हुई है। दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों और राजनयिकों के बीच वार्ता के बाद कुछ इलाकों में चीनी सेना पीछे चली गई है लेकिन कुछ क्षेत्रों में अभी भी वह आगे बढ़ी हुई है।
सकारात्मक रुख रखे हुए रचनात्मक वार्ता कर रहे- चीन
इन्हीं क्षेत्रों में पूर्व स्थिति कायम करने के लिए दोनों देशों के बीच वार्ता चल रही है। चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता सीनियर कर्नल झांग शियागांग ने कहा, दोनों पक्ष सीमा संबंधी अड़चनों के समाधान के लिए सकारात्मक रुख रखे हुए हैं और उसी भावना के साथ रचनात्मक वार्ता कर रहे हैं।
वार्ता में दोनों पक्षों की अपेक्षाओं पर गौर
वार्ता में दोनों पक्षों की अपेक्षाओं पर गौर किया जा रहा है और निकट भविष्य में स्वीकार्य हल तक पहुंचने की उम्मीद है। विदित हो कि दोनों देशों की सेनाओं के उच्च अधिकारियों के बीच 19 फरवरी को 21 वें दौर की वार्ता हुई थी।
चीन के लिए भारतीय सेना से संबंधों का बड़ा महत्व
प्रवक्ता ने कहा, चीन के लिए भारतीय सेना से संबंधों का बड़ा महत्व है और वह मानता है कि दोनों देश समान लक्ष्यों के लिए कार्य कर रहे हैं। लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए आपसी विश्वास में बढ़ोतरी आवश्यक है। दोनों देशों के बीच मतभेद दूर होने चाहिए और सीमा क्षेत्रों में शांति व स्थिरता की स्थिति कायम रहनी चाहिए।