नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बृहस्पतिवार को कोल इंडिया की 1,393.69 करोड़ रुपये की दो परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। ये परियोजनाएं कोयले को खदान से रवानगी स्थल तक पहुंचाने से जुड़ी हैं। खदान से रवानगी स्थल यानी मालगाड़ियों तक पहुंचाने की (फर्स्ट माइल कनेक्टिविटी-एफएमसी) परियोजनाओं से कोयला परिवहन के लिए सड़क यातायात पर कोल इंडिया की निर्भरता कम होने की उम्मीद है।
कोयला मंत्रालय ने बयान में कहा कि कोल इंडिया की इकाई नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल) के स्वामित्व वाली मध्य प्रदेश में स्थित परियोजनाएं पर्यावरण-अनुकूल तरीके से कोयले की आपूर्ति और गुणवत्ता को बढ़ाएंगी। प्रधानमंत्री मोदी 29 फरवरी को ‘ऑनलाइन’ माध्यम से दो एफएमसी परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। मंत्रालय ने कहा कि इन परियोजनाओं पर 1,393.69 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है।
बयान के अनुसार, ‘‘जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया जाएगा, वे जयंत ओसीपी सीएचपी-एसआईएलओ और दुधिचुआ ओसीपी सीएचपी-एसआईएलओ हैं। जयंत ओसीपी सीएचपी-एसआईएलओ की क्षमता 1.5 करोड़ टन है। इसे 723.50 करोड़ रुपये के निवेश से विकसित किया गया है।
इसी तरह, एक करोड़ टन सालाना क्षमता वाली दुधिचुआ ओसीपी सीएचपी-एसआईएलओ का निर्माण 670.19 करोड़ रुपये के निवेश से किया गया है। बयान के अनुसार इन परियोजनाओं से कोयला परिवहन में लगने वाले समय के साथ-साथ उत्पादन लागत भी कम होगी और यातायात भीड़, दुर्घटनाओं और पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने में मदद मिलेगी।