हमीरपुर। कार्ड में शादी की तिथि गलत होने से वर पक्ष एक दिन पहले ही लड़की पक्ष के दरवाजे बरात लेकर पहुंच गया। एक दिन पहले घर के बाहर पहुंची बरात को देख हर कोई दंग रह गया। बाद में कन्या पक्ष का सहयोग करते हुए गांव के लोगों ने बारात का स्वागत-सत्कार किया। शादी की अन्य रस्में पूरी कराने के बाद मंगलवार शाम दुल्हन की विदाई हुई।
कुरारा क्षेत्र के सिकरोढ़ी गांव निवासी स्व. रामफल अनुरागी की पुत्री रेखा की शादी सदर कोतवाली के पारा पुरवा गांव के बेटाराम के साथ तय हुई थी। शादी की तारीख 27 फरवरी निर्धारित की गई थी। बेटाराम की भाभी कौशिल्या ने बताया कि कार्ड छपाई में 27 की जगह शादी की तारीख 26 फरवरी छप गई।
26 फरवरी को ही बरात लेकर पहुंच गया दूल्हा
उनके घर में कोई ज्यादा पढ़ा-लिखा नहीं था, इसलिए किसी ने तारीख पर गौर नहीं किया और रिश्ते-नातेदारों को कार्ड भी बांट दिए गए। तय तिथि से पूर्व ही रिश्तेदारों का आना हो गया और 26 फरवरी को वह लोग बरात लेकर सिकरोढ़ी गांव पहुंच गए। निर्धारित तिथि के एक दिन पहले बारात पहुंचने के बाद उन्हें पता चला कि शादी की तारीख 27 फरवरी रखी गई थी।
दुल्हन और उसके घरवाले हो गए हैरान
सिकरोढ़ी गांव में एक दिन पहले दरवाजे पर बरात देखकर लड़की पक्ष के लोग भी हैरान हो गए। गांव निवासी अशोक कुमार पांडेय ने बताया कि रेखा के पिता की मौत हो चुकी है। बरात एक दिन पहले आने से हर किसी के चेहरे का रंग बदल गया। यहां गांव के सभी लोगों ने मिलकर मदद की और रातों-रात बरात के स्वागत-सत्कार की तैयारियां की गईं। हलवाई लगाकर भोजन तैयार कराया गया। इसके बाद द्वारचार और जयमाल आदि की रस्में हुईं। मंगलवार सुबह भांवरें पड़ीं और शाम को रेखा को हंसी-खुशी विदा कर दिया गया। इससे दोनों पक्ष संतुष्ट नजर आए और गांव का भी मान-सम्मान बच गया।