एटा। जैथरा थाना क्षेत्र के गांव कसा में ट्रैक्टर-ट्रॉली हादसे के मृतकों का अंतिम संस्कार रविवार सुबह शुरू हो गया। अंतिम संस्कार के दौरान भारी भीड़ उमड पड़ी। पूरे गांव में हाहाकार मचा है। पुलिस बल की मौजूदगी में अंतिम संस्कार कराया जा रहा है।
गांव में स्थिति यह है कि किसी के घर के दरवाजे पर तीन तो किसी के घर पर चार-पांच शव रखे हुए हैं। सबसे पहले गौरव के डेढ़ वर्षीय पुत्र सिद्धू का अंतिम संस्कार किया गया उसके शव को दफनाया गया है। पूरे गांव में घर-घर से रोने बिलखने की आवाज़ आ रही हैं।
पांच सदस्यों की मौत
गांव की ही बुजुर्ग महिला बिट्टो देवी के परिवार के पांच सदस्यों की इस हादसे में मृत्यु हुई है। अपनों को अंतिम विदाई देते स्वजन का बुरा हाल है। गांव में रात भर लकड़ियों की खेप पहुंचाई जाती रहीं। राजनीतिज्ञों का भी जमावड़ा है। कुछ शवों का अंतिम संस्कार देरी से होने की संभावना है, क्योंकि उनके परिवार के सदस्य दूर दराज नौकरी करते हैं और वह अभी नहीं पहुंचे हैं। स्वजन उनका इंतजार कर रहे हैं।
तालाब में पलटी थी ट्रॉली
लोग अपने खेतों पर अपनों का अंतिम संस्कार कर रहे हैं। शनिवार को कासगंज जिले के थाना पटियाली क्षेत्र के गांव दरियागंज के निकट तालाब में ट्रैक्टर ट्राली पलट गई थी। हादसे में एटा जनपद के थाना जैथरा क्षेत्र के गांव कसा के 23 लोगों की मृत्यु हो गई थी। आठ लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं जिनका उपचार चल रहा है। मृतकों में महिलाएं और बच्चे अधिक हैं।
पुलिस को करनी पड़ीं अतिरिक्त व्यवस्थाएं
ट्रैक्टर-ट्राली हादसे के मृतकों के अंतिम संस्कार में उमड़ी भीड़ को लेकर पुलिस को अतिरिक्त व्यवस्थाएं करनी पड़ीं। प्रशासन द्वारा लकड़ी और उपलों का इंतजाम किया गया है। सुबह के समय जनपद के दर्जन भर से अधिक थानों का फोर्स गांव कसा में भेज दिया गया। वाहनों के अतिरेक के कारण कच्ची सड़क पर जाम की स्थिति है।
मुस्लिम समाज के लोगों ने बनाई अर्थी
गांव कसा में सामाजिक संदेश देते हुए मुस्लिम समाज के तमाम लोग पहुंचे हैं। जिन्होंने मृतकों के अंतिम संस्कार के लिए अर्थी बनाई हैं। यह लोग कासगंज के हैं जो रविवार सुबह गांव में पहुंचे।