वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने दो दिवसीय वाराणसी प्रवास के दौरान शुक्रवार को करखियांव स्थित एग्राे पार्क में बनारस डेयरी (अमूल प्लांट) का उद्घाटन भी करने पहुंचे। इस दौरान पीएम ने गीर गाय पालने वाली महिलाओं से बातचीत कर उनके अनुभव से भी वह अवगत हुए।
पीएम ने गीर गाय के सीधे और सरल व्यवहार के बारे में भी पूछा और गुजरात की इस गाय से जुड़े अपने गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर अनुभवों को साझा कर गाय पालन के लाभ और नारी सशक्तिकरण को लेकर सभी के विचार भी जाने।
महिलाओं से बातचीत के दौरान महिलाओं से उनके गीर गाय संग लगाव के बारे में पूछा तो गाय के साथ सेल्फी लेने की भी बात कही। महिलाओं के आत्मनिर्भर बनने से परिवार में आने वाले बदलाव को महिलाओं की ही जुबानी समझा तो वहीं उनके भविष्य के प्लानिंकग को लेकर भी अवगत हुए। पीएम ने वाराणसी की इन महिलाओं की जुबानी उनके सशक्त होने की कहानी को वीडियो के जरिए इंटरनेट मीडिया एक्स पर साझा किया है।
सशक्त नारी की सुनाई गाथा
पीएम ने संवाद के दौरान कहा कि किसान परिवारों को दो-तीन साल पहले हमने स्वेदशी नस्ल की गीर गाय दी थी। मकसद था कि पूर्वांचल में बेहतर नस्ल की स्वदेशी गायों को लेकर जानकारी बढ़े, किसान को-पशुपालकों को इससे फायदा हो।
आज यहां गीर गायों की संख्या लगभग साढ़े तीन सौ के करीब तक पहुंच चुकी है। संवाद के दौरान हमारी बहनों ने मुझे ये बताया कि पहले जहां सामान्य गाय से पांच लीटर दूध मिलता था, अब गीर गाय 15 लीटर तक दूध देती है। बहनें लखपति दीदी भी बन रही हैं और ये स्वयं सहायता समूह से जुड़ी देश की 10 करोड़ बहनों के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है।
पशुपालक ऊर्जादाता के साथ बने उर्वरक दाता
प्रधानमंत्री ने कहा कि डबल इंजन सरकार पशुपालन और डेयरी सेक्टर को बढ़ावा दे रही है। सरकार, अन्नदाता को ऊर्जादाता बनाने के साथ ही अब उर्वरक दाता बनाने पर काम कर रही है। पशुपालकों को दूध के अलावा गोबर से भी कमाई के अवसर दे रहे हैं। हमारे जो ये डेयरी प्लांट हैं, इनमें गोबर से बायो-सीएनजी बने और इस प्रक्रिया में जो जैविक खाद है, वो कम दाम पर किसानों को मिले, इस पर काम हो रहा है। इससे प्राकृतिक खेती को और बल मिलेगा। गंगा जी के किनारे प्राकृतिक खेती करने का चलन वैसे भी अब बढ़ रहा है।
प्रदेश मीडिया सह प्रभारी धर्मेंद्र सिंह ने कहा कि बनारस में पीएम के प्रयास से गीर गायों में भी बेहतर बदलाव आ रहा है। बनारसी लस्सी देश में ख्यात रही है। दूध के उत्पादन से बनारस का ब्रांड और भी मजबूत होगा। आनलाइन पशु चिकित्सा सुविधाओं के अलावा, लखपति दीदी जैसे प्रयास से महिला सशक्तिकरण को बल मिला है। काशी से नारी सशक्तिकरण की राह और सुगम हो रही है।