संगोष्ठी में बोली अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीष
बाराबंकी। किसी भी महिला को अपने दैनिक कार्य करने, बीमारियों की रोकथाम तथा सुरक्षित व स्वस्थ प्रसव के लिये अच्छे भोजन की आवश्यकता होती है लेकिन फिर भी, पूरे संसार में किसी अन्य स्वास्थ्य समस्या की तुलना में महिलाओं को कुपोषण का सबसे अधिक सामना करना पड़ता है। उक्त बात कस्बा देवा में स्थित आरएन हेल्थ क्लब में आयोजित स्वास्थ्य सम्बन्धी षिविर कार्यक्रम में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीष व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बाराबंकी की सचिव नाजनीन बानों ने कही। उन्होने आगे कहा कि कमजोरी के कारण महिलाओं के स्वास्थ्य पर काफी बुरा असर पड़ता है। पुरूषों को अपने परिवार की महिलाओं के स्वास्थ्य पर ध्यान देना चाहिए शारीरिक बीमरियों के उपचार के साथ-साथ मानसिक बीमरियों का उपचार भी समय से कराना चाहिए एक स्वस्थ्य महिला ही स्वस्थ परिवार की न्यू होती है। इसके अतिरिक्त राष्टीय लोक अदालत के बारे में भी आमजनमानस को जागरूक करते हुए बताया गया कि राष्टीय लोक अदालत में ऐसे वाद जो सुलह-समझौता के माध्यम से निस्तारित कराये जा सकते उनका लाभ आप उठा सकते है, उसमें वादों का शीघ्र निस्तारण हो जाता है। उक्त शिविर में डॉ. सौरभ मिश्रा मानसिक रोग विशेषज्ञ द्वारा आमजनमानस को जागरूक करते हुए बताया गया कि मानसिक गड़बडी की स्थिति में व्यक्ति के सोचने की प्रक्रिया, मूड या व्यवहार बाधित हो जाता है, जो संास्कृतिक विष्वास तथा रूढ़ियों के अनुरूप नहीं होता। इसमें लोगो को काफी गुस्सा आने लगता है, और व्यक्ति एक ही बात बार-बार दोहराता है, ऐसे लक्षण तनाव ग्रस्त व्यक्तियों में अधिकतर पाये जाते है। उक्त शिविर में निहारिका मेडिकल ऑफिसर द्वारा सरवाईकल कैंसर के बारे में बताया गया कि महिलायें अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहे, समय से भोजन करें, व्यायाम करें व प्रसन्न रहे और हंसते खेलते, मुस्कुराते हुए अपने परिवार के साथ आनंदित जीवन व्यतीत करें, इसके अतिरिक्त नियमित पैंप स्मीयर द्वारा इसको पहली स्टेज से भी पहले पकड़ा जा सकता है। पहली स्टेज में आपरेशन या रेडियोथेरेपी द्वारा इसका इलाज किया जा सकता है।इस अवसर पर डॉ. अभिषेक श्रीवास्तव, डॉ. जितेन्द्र सिंह, डॉ. फजल एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से सौरभ शुक्ला कनिष्ठ लिपिक, मोहित कुमार प्रजापति एवं जनसामान्य उपस्थित रहें।