महाकुंभ मेला के लिए खर्च किए जाएंगे छह हजार करोड़

प्रयागराज। महाकुंभ 2025 में पांच दिनों के दौरान सर्वाधिक भीड़ आने का अनुमान है। मौनी अमावस्या शाही स्नान पर्व पर पांच दिन में लगभग छह करोड़ श्रद्धालुओं और सैलानियों के आने की संभावना प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने जताई है। ये पांच दिन 27 से 31 जनवरी 2025 है।

मेला प्राधिकरण के अनुमान के मुताबिक 29 जनवरी को महाकुंभ का मुख्य शाही स्नान पर्व मौनी अमावस्या है तो 27 जनवरी से ही श्रद्धालुओं का आना शुरू हो जाएगा, जिनके 31 जनवरी तक लौटने की उम्मीद है। संगम की रेती पर 28 और 29 जनवरी को सबसे ज्यादा लगभग चार करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। यह संख्या दुनिया के कई बड़े देशों की आबादी से ज्यादा होगी।

आठ लाख वाहनों के लिए की गई पार्किंग की व्यवस्था

श्रद्धालुओं के आगमन की इसी अनुमानित संख्या के अनुसार ही सरकार सारे प्रबंध कर रही है। लगभग आठ लाख वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था दो हजार हेक्टेयर के पार्किंग स्थल में की जा रही है।

सबसे महत्वपूर्ण 12 किमी के स्नान घाट बनाए जा रहे हैं। डेढ़ लाख टायलेट और 15 हज़ार यूरिनल की व्यवस्था की जा रही है। कुल 68 हज़ार एलईडी लाइट और दो लाख टेंट लगाए जाएंगे। लगभग 50 हजार लोगों के लिए लग्जरी विश्रामालय और 50 हजार सैलानियों के लिए टेंट सिटी बसाने की योजना बनाई गई है। इसके अलावा अखाड़ों, संत-महात्माओं, कल्पवासियों, संस्थाओं के लिए लगभग डेढ़ लाख टेंट लगाए जाएंगे।

महाकुंभ मेला के लिए खर्च किए जाएंगे छह हजार करोड़

महाकुंभ मेला के अस्थायी कार्यों के लिए लगभग छह हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। गंगा पर कुल 30 पांटून पुल बनाए जाएंगे। पूरे महाकुंभ मेला क्षेत्र को 28 सेक्टर में बांटा जाएगा। महाकुंभ के दौरान लगभग डेढ़ माह में 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान लगाया गया है। महाकुंभ मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने बताया कि संगम की रेती पर कुंभ नगर बसाने के लिए इस वर्ष अक्टूबर माह में ही अस्थायी कार्य तेजी से शुरू करा दिए जाएंगे।

महाकुंभ के शाही स्नान पर्व

-14 जनवरी – मकर संक्रांति

-29 जनवरी – मौनी अमावस्या -03 फरवरी – वसंत पंचमी

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