बलिया। जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय परिसर में गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बीएससी. कृषि के 102 विद्यार्थियों को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना 2024 के अंतर्गत स्मार्टफोन वितरित किये गये। मुख्य अतिथि वीरेंद्र सिंह मस्त ने कहा कि अपनी भाषा, अपने भोजन और अपनी भूषा पर गर्व करना चाहिए। मैं अपनी संस्कृति पर गर्व करता हूँ। जो सभ्यता और संस्कृति अपनी विशिष्टता पर गर्व नहीं करती, उसकी परंपरा नष्ट हो जाती है।
भारत में यह संभव नहीं है। विशिष्ट अतिथि प्रो. जगदीश शुक्ल, अंतरराष्ट्रीय मौसम वैज्ञानिक ने कहा कि भारत में त्योहार प्रकृति के अनुसार मनाये जाते हैं। यहाँ के गीत, संस्कृति प्रकृति आधारित हैं और इसी प्रकृति की हमें रक्षा करनी होगी। मुख्य वक्ता प्रो. जैनेंद्र कुमार पाण्डेय, टी. डी. कालेज, बलिया ने ‘बदलते वैश्विक परिवेश में मातृभाषा संरक्षण की चुनौतियाँ’ विषय पर अपना व्यक्तव्य दिया। कहा कि भाषा संस्कृति का संवाहक होती है। विविधता ही हमारी पहचान है। भारत की सारी भाषाएँ भारतीय संस्कृति के विभिन्न रूपों का प्रतिनिधित्व करती हैं, जिनके संरक्षण की आज आवश्यकता है।
कुलपति प्रो. संजीत कुमार गुप्ता ने अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए कहा कि विद्यार्थी अपने कर्तव्य को पहचानें और उसका निष्ठापूर्वक पालन करें। भारत गाँव में बसता है, इसकी संस्कृति के संरक्षण की आवश्यकता है। हम विरासत से विकास की यात्रा करें और इस देश को पुनः गौरवशाली भारत बनाने का संकल्प लें। विषय प्रवर्तन डाॅ. अभिषेक मिश्र ने किया। कार्यक्रम में अतिथि स्वागत डाॅ. पुष्पा मिश्रा, निदेशक, शैक्षणिक, संचालन डाॅ. प्रमोद शंकर पाण्डेय एवं धन्यवाद ज्ञापन डाॅ. अनुराधा राय ने किया। इस अवसर पर कुलसचिव एस. एल. पाल, अमेरिका से पधारी मिस ऐशली, मिस्टर ज़ेफ, कुलानुशासक डाॅ. प्रियंका सिंह, डाॅ. लालविजय सिंह, डॉक्टर अमित सिंह, डॉक्टर शैलेन्द्र सिंह, डाॅ. प्रवीण नाथ यादव, डाॅ. तृप्ति तिवारी, श्रीराम शुक्लआदि परिसर के प्राध्यापकगण, प्रबंधकगण तथा विद्यार्थीगण उपस्थित रहे।