राहुल गांधी की न्याय यात्रा के साथ ही बड़ी संख्या में कांग्रेसियों ने पार्टी का दामन छोड़ दिया। चुनावी लिहाज से यह पार्टी के लिए बड़ा झटका है। पार्टी छोड़कर जाने वाले अधिकांश नेता भाजपा में शामिल हुए हैं वहीं कुछ भाजपा में शामिल होने की तैयारी कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव जीतने के बाद सांसद सोनिया गांधी ने रायबरेली की जनता से दूरी बना ली।
राहुल गांधी की न्याय यात्रा के साथ ही बड़ी संख्या में कांग्रेसियों ने पार्टी का दामन छोड़ दिया। चुनावी लिहाज से यह पार्टी के लिए बड़ा झटका है। पार्टी छोड़कर जाने वाले अधिकांश नेता भाजपा में शामिल हुए हैं, वहीं कुछ भाजपा में शामिल होने की तैयारी कर रहे हैं।
लोकसभा चुनाव जीतने के बाद सांसद सोनिया गांधी ने रायबरेली की जनता से दूरी बना ली। प्रियंका व राहुल के भी स्थानीय पार्टी के पदाधिकारियों से दूर रहने के कारण कार्यकर्ता आहत हैं। पार्टी छोड़ने वाले पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं का कहना है कि चुनाव के दौरान जनता सवाल करती है कि किसके लिए वोट मांग रहे हो, उनके लिए जो कभी आते ही नहीं।
पदाधिकारियों ने शीर्ष नेताओं पर लगाए आरोप
पदाधिकारियों का कहना है कि कार्यकर्ताओं से मिलने का भी समय शीर्ष नेतृत्व के पास नहीं है। पार्टी हाईकमान के उपेक्षित रवैये से क्षुब्ध होकर सलोन, डलमऊ व शहर के करीब सात पदाधिकारियों व कई कार्यकर्ताओं ने पार्टी से नाता तोड़ लिया।
पार्टी छोड़ने वालों में महामंत्री जिला कांग्रेस कमेटी रवींद्र सिंह, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य अभिषेक दिवाकर, जिला महामंत्री नागेंदर सिंह, सचिव जितेंद्र द्विवेदी, बछरावां विधानसभा से पूर्व प्रत्याशी साहबदीन पासी, अमरनाथ यादव, प्रकाश मुरारका, सलोन के राहुलदेव सिंह सहित करीब 40 लोगों ने पार्टी को छोड़ दिया है।