रायबरेली। शहर के सबसे व्यस्त इलाके डिग्री कालेज चौराहे पर कांग्रेसियों की भीड़ का संकेत साफ था कि ‘गढ़’ किसका है। 2019 लोकसभा चुनाव के बाद राहुल गांधी पहली बार कांग्रेस की परंपरागत सीट पर पहुंचे थे। पर, दोपहर लगभग तीन बजे धूप में भी न समर्थकों का जोश कम था और न ही नारों का शोर।
राहुल की भारत जोड़ो न्याय यात्रा यहां से गुजरी तो ढोल-नगाड़े की गूंज बढ़ गई। सुपर मार्केट पहुंचकर राहुल गांधी की जीप रुक गई। राहुल गढ़ में थे, लेकिन उन्होंने पारिवारिक रिश्तों की कोई बात नहीं की। … नारे लगा रहे कार्यकर्ताओं को देखकर राहुल कुछ क्षण सिर हिलाकर अभिवादन स्वीकारने के साथ उनका उत्साह बढ़ाते रहे। फिर माइक थामा और… ‘नमस्कार’ से बात शुरू की।
राहुल ने पूछा सवाल
राहुल गांधी ने कहा, बस दो-तीन बातें बोलने आया हूं। राहुल ने पुलिस बूथ के पास 69,000 शिक्षक भर्ती घोटाले की तख्ती लिए खड़े युवकों की ओर देखकर कहा कि यह देखो पोस्टर लिए घूम रहे हैं। उनमें एक अभ्यर्थी अमित वर्मा को जीप पर बुलाकर राहुल ने पूछा… ‘ओबीसी-एससी’ का मतलब जानते हो ?
इस सवाल के साथ ही पिछड़ों, दलितों व आदिवासियों की संख्या (कुल 73 प्रतिशत) का जिक्र करते हुए जातीय गणना का मुद्दा उठाया। अभ्यर्थी अमित के रो पड़ने पर उसे गले लगाकर शांत कराया।
अमेठी के बाद रायबरेली में भी 200 बड़ी कंपनियों व अन्य संस्थानों में उनकी शून्य भागीदारी और उपेक्षा के आरोप लगाते हुए केंद्र सरकार को घेरा।
राहुल ने राज्य सरकार पर साधा निशाना
वाराणसी का एक प्रसंग छेड़ते हुए राज्य सरकार पर भी निशाना साधा। कहा, यूपी का भविष्य रात में शराब पीकर नाच रहा है। हालांकि, सोनिया गांधी के रायबरेली लोकसभा सीट छोड़ने के बाद यहां पहुंचे राहुल ने अपने संबोधन में जिले से अपनी परिवारिक पृष्ठभूमि के जुड़ाव व रिश्तों की कोई चर्चा नहीं की।
कांग्रेस के गढ़ से ‘गांधी-नेहरू’ परिवार के अगले उम्मीदवार के नाम की चर्चा को अटकलों की मझधार में ही छोड़ गए। काफिला आगे बढ़ा तो कहारों का अड्डा के पास दो बच्चों को जीप पर चढ़ाकर राहुल गांधी ने उन्हें दुलारा जरूर।