मोहाली। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की टीम पंजाब किंग्स के नये खिलाड़ी आशुतोष शर्मा ने कहा कि मौका मिलने पर वह अपनी फ्रेंचाइजी के लिए बल्ले से प्रभावी प्रदर्शन करना चाहते हैं। आशुतोष ने कहा कि उन्होंने इस स्तर तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत की है और खेल में गलती होने पर पर खुद को घरेलू काम करने की सजा भी देते हैं। मध्य प्रदेश के लिए प्रथम श्रेणी के चार मैचों में एक शतक लगाने वाले आशुतोष को पंजाब किंग्स ने आईपीएल नीलामी में 20 लाख रुपये की बोली के साथ टीम में शामिल किया है। मध्य प्रदेश के रतलाम के आशुतोष को अपने संघर्ष के दिनों में आर्थिक तंगी से निपटने के लिए अंपायरिंग का सहारा भी लेना पड़ा था।
आशुतोष ने कहा, मैंने जब क्रिकेट में करियर बनाने के लिए घर छोड़ा था तब मेरे पास ज्यादा पैसे नहीं थे। मैं शिविर में जाता था और दोपहर के खाने के लिए मैंने अंपायरिंग करना शुरू कर दिया था। हमारे परिवार में कमाई के सीमित संसाधन थे और शुरुआत में खुद के बूते सब कुछ करना काफी मुश्किल था। मैंने कभी अपने संघर्षों का असर अपने परिवार पर नहीं पड़ने दिया क्योंकि मैं नहीं चाहता था कि वे चिंतित हों। आशुतोष में कम उम्र में ही अपनी क्रिकेट यात्रा की शुरुआत कर दी थी लेकिन रतलाम में मौके की कमी के कारण वह आठ साल की उम्र में इंदौर आ गये और मध्य प्रदेश क्रिकेट संघ की आवासीय अकादमी में प्रशिक्षण लेने लगे। खेल में उत्कृष्टता हासिल करने का उनका दृढ़ संकल्प ऐसा था कि अंडर-19 क्रिकेट खेलते समय अगर कोई गलती हो जाती थी, तो वह सजा के तौर पर घर का काम करने लगते थे।
आशुतोष का मानना है कि ‘सजा’ उनके जीवन में अनुशासन लाएगी और उन्हें इस स्तर तक पहुंचने के लिए किए गए ‘त्याग’ की याद दिलाएगी। उन्होंने कहा, ‘एक महीने तक ऐसा (घर का काम) करने के बाद मैंने शतक बनाया था।’’ पिछले साल, अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के दौरान, दाएं हाथ के बल्लेबाज ने 11 गेंदों में अर्धशतक जड़ने का रिकॉर्ड बनाया। उन्होंने इस तरह खेल के सबसे छोटे प्रारूप में सबसे तेज अर्धशतक के युवराज सिंह के रिकॉर्ड को तोड़ा।