बैलेट पेपर्स विरूपित करने पर अधिकारी पर हो कार्रवाई -कोर्ट।

चंडीगढ़। सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव से संबंधित बैलेट पेपर्स और मतगणना (Chandigarh Mayor Election) के दिन का पूरा वीडियो फुटेज मंगलवार को कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया है ताकि कोर्ट इस सारे रिकार्ड को देखकर जान सके कि उन दिन क्या हुआ था और वास्तविक स्थिति क्या है।

सुप्रीम कोर्ट में आज फिर होगी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने खरीद फरोख्त के प्रति चिंता जताते हुए मामले को मंगलवार को ही सुनवाई पर लगाने का आदेश दिया और सुनवाई किसी और दिन करने की मांग ठुकरा दी। इसके साथ ही कोर्ट ने चुनाव कराने वाले पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह से पूछा कि वह बैलेट पेपर्स पर क्रास का निशान क्यों लगा रहे थे?

मसीह आज भी होंगे कोर्ट में पेश
ऐसा उन्होंने किस कानून के तहत किया क्योंकि कानून तो पीठासीन अधिकारी को सिर्फ हस्ताक्षर करने का अधिकार देता है। पीठासीन अधिकारी बैलेट पेपर पर और कुछ नहीं कर सकते। मसीह ने कोर्ट में स्वीकार किया कि उन्होंने विरूपित बैलेट पेपर्स पर क्रास के निशान लगाए थे। मसीह मंगलवार को भी कोर्ट में पेश होंगे।

मंगलवार को शीर्ष अदालत नए सिरे से मतदान कराने का आदेश देने के बजाय, पहले ही डाले गए मतों के आधार पर परिणाम घोषित करने पर विचार कर सकता है। प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने सोमवार को चंडीगढ़ मेयर चुनाव के मामले पर सुनवाई के दौरान ये आदेश दिए।

सुप्रीम कोर्ट ने मंगाई पूरी वीडियो
कोर्ट ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को आदेश दिया कि वह उनके पास सुरक्षित रखी गई चुनाव से संबंधी सामग्री और रिकॉर्ड में से बैलेट पेपर्स और मतगणना के दिन की पूरी वीडियो रिकार्डिंग सुप्रीम कोर्ट भेजें। कोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन को आदेश दिया कि वह रिकार्ड और वीडियो रिकार्डिंग पेशी के लिए आने के दौरान उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करे।

बैलेट पेपर्स विरूपित करने पर अधिकारी पर हो कार्रवाई -कोर्ट
पिछली सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने पीठासीन अधिकारी के वीडियो में दिख रहे आचरण पर नाराजगी जताते हुए तीखी टिप्पणियां की थीं। कोर्ट ने यहां तक कहा था कि बैलेट पेपर्स विरूपित करने पर पीठासीन अधिकारी पर कार्रवाई होनी चाहिए। कोर्ट ने पीठासीन अधिकारी को स्पष्टीकरण देने के लिए सोमवार को अदालत में तलब किया था और आदेश का पालन करते हुए मसीह कोर्ट में पेश हुए थे।

स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार एक पीठासीन अधिकारी से देश के प्रधान न्यायाधीश ने सवाल जवाब किए। याचिकाकर्ता कुलदीप के वकील का कहना था कि नए सिरे से मतगणना करा दी जाए, तब पीठ ने कहा- उसका मानना है कि नया पीठासीन अधिकारी नियुक्ति किया जाए जिसका किसी दल से संबंध न हो और उसकी देखरेख में मतगणना हो।

कोर्ट नए सिरे से चुनाव कराने का दे आदेश-तुषार मेहता
चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से कहा कि कोर्ट दोबारा नए सिरे से चुनाव कराने का आदेश दे क्योंकि उन्हें जो जानकारी है, उसके मुताबिक कुछ मतपत्र फाड़ दिए गए थे। कोर्ट मत पत्रों को मंगाकर देखे। साथ ही कोर्ट को पूरी वीडियो रिकार्डिंग देखनी चाहिए ताकि सही वस्तुस्थिति पता चल सके।

इसके बाद कोर्ट ने बैलेट पेपर्स और वीडियो रिकार्डिंग पेश करने के आदेश दिए। कोर्ट ने मामले को मंगलवार को सुनवाई पर लगाने का आदेश दिया, इस पर तुषार मेहता और कुछ अन्य वकीलों ने कोर्ट से किसी और दिन सुनवाई का अनुरोध किया, लेकिन कोर्ट ने मांग ठुकरा दी।

पीठासीन अधिकारी से सवाल-जवाब
सुप्रीम कोर्ट :
यह अदालत है, यहां कोई राजनीति नहीं, पूछे गए सवालों के सही-सही जवाब देने होंगे, ऐसा नहीं होने पर कार्रवाई हो सकती है। प्रधान न्यायाधीश : आप कैमरा क्यों देख रहे थे, जैसा कि वीडियो में नजर आ रहा है। मसीह : सब शोर कर रहे थे। वहां बहुत सारे कैमरे थे, ऐसे में उन्होंने कैमरे की ओर देखा था।

सुप्रीम कोर्ट : वीडियो में दिख रहा है कि आप बैलेट पेपर्स पर क्रॉस का निशान लगा रहे हैं, क्या आपने बैलेट पेपर्स पर क्रॉस का निशान लगाया था। मसीह : हां, पहले से विरूपित आठ बैलेट पेपर्स पर क्रॉस का निशान लगाया था।

सुप्रीम कोर्ट : आपने ऐसा किस कानून के तहत किया। मसीह : जैसे ही यह हुआ आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता बैलेट पेपर्स लेकर भागने लगे, उन्होंने बैलेट पेपर्स फाड़ भी दिए, बाद में उन्हें मार्शल ने पकड़ा।

सुप्रीम कोर्ट : आप बैलेट पेपर्स विरूपित कैसे कर सकते हैं। नियम-11 तो कहता है कि आप सिर्फ उस पर हस्ताक्षर करेंगे तो फिर आपको क्रॉस लगाने का शक्ति कहां से मिली। आपने बैलेट पेपर्स विरूपित किए हैं और आप यह स्वीकार कर रहे हैं। इन पर तो मुकदमा चलना चाहिए।

यह है पूरा मामला
चंडीगढ़ मेयर चुनाव में भाजपा प्रत्याशी ने आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के संयुक्त प्रत्याशी को 12 के मुकाबले 16 मतों से हराकर मेयर चुनाव जीत लिया था। इस चुनाव में पीठासीन अधिकारी ने कांग्रेस और आप के आठ मतों को अवैध ठहरा दिया था।

आम आदमी पार्टी के पार्षद कुलदीप कुमार ने गलत तरीके से आठ मतों को अवैध ठहराने का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मेयर चुनाव पर सवाल उठाए हैं। पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने मतगणना के वीडियो में पीठासीन अधिकारी के आचरण को देखकर कहा था कि वह मतपत्रों को विरूपित करता दिख रहा है, ये लोकतंत्र की हत्या है।

Related Articles

Back to top button