रेवाड़ी। राजस्थान में भाजपा सरकार बने दो महीने ही बीते हैं मगर गोतस्करों पर एक के बाद एक बड़ी कार्रवाई देखने को मिल रही है। राजस्थान पुलिस ने अलवर में जंगलों में पहाड़ी क्षेत्र के बीच बसे क्षेत्रों में छापामारी कर बड़े पैमाने पर गोमांस तस्करी के अड्डों को पकड़ा है। यह कार्रवाई किशनगढ़ बास क्षेत्र के रूंध गिदावड़ा क्षेत्र में की गई है।
जयपुर आइजी रेंज उमेश चंद्र दत्ता और खैरतल-तिजारा एसपी सुरेंद्र सिंह आर्य भी मौके पर पहुंचे और गाेवंश के अवशेष देखकर दंग रह गए। आइजी ने गोतस्करी को संरक्षण देने के आरोप में किशनगढ़ बास थाना के एसएचओ दिनेश मीणा सहित पूरे 40 कर्मचारियों के स्टाफ को निलंबित कर दिया है।
बताया जा रहा है कि इस क्षेत्र में गोवंश का वध कर नूंह और आसपास के क्षेत्रों में गोवंश की होम डिलीवरी तक की जाती थी। पुलिस ने 25 लोगों के खिलाफ गोकशी का मामला भी दर्ज किया है। पुलिस ने होम डिलीवरी करने वाली 12 से अधिक बाइक और गोवंश को पकड़कर लाने वाली एक पिकअप गाड़ी भी पकड़ी है।
मामला सामने आने के बाद विश्व हिंदु परिषद सहित अन्य संगठनों ने पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी जिसके बाद पूरा थाना निलंबत कर दिया है। वहीं जयपुर आइजी ने पूरे की जांच कोटपूतली बहरोड एसपी नमीचंद को सौपी है।
राजस्थान चुनाव में मुद्दा बना था गोतस्करी
राजस्थान के विधानसभा चुनाव में गोतस्करी बड़ा मुद्दा बना था। अलवर के सांसद रहे महंत बालकनाथ भी गोतस्करी के मुद्दों को उठाते रहे हैं। उन्होंने तिजारा विधानसभा से चुनाव लड़ते वक्त रैलियों में भी गोतस्करों को चेताया था और पुलिस को भी नसीहत दी थी। मगर अब भाजपा सत्ता में है। इसके बाद गोतस्करों पर एक के बाद एक कड़ी कार्रवाई देखने को मिल रही है।
जहां से कांग्रेस विधायक जीते वहीं गोतस्करी ज्यादा
जहां कांग्रेस भाजपा के राज में गोतस्करी बढ़ने के आरोप लगा रही है वहीं भाजपा का भी कहना है कि नूंह के साथ लगते विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस जीती है और कांग्रेस ही गोतस्करी को बढ़ावा दे रही है। अलवर ग्रामीण से जहां नेता प्रतिपक्ष टीका राम जूली विधायक हैं तो रामगढ़ विधानसभा से जुबेर खान और किशनगढ़ बास विधानसभा में भी कांग्रेस के दीपचंद खैरिया विधायक हैं। इसलिए भाजपा अब इसे लोकसभा चुनाव से पहले बड़ा मुद्दा बनाएगी।