चंडीगढ़। सभी फसलों पर एमएसपी और अन्य मांगों को लेकर दिल्ली कूच का आह्वान करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के सिद्धूपुर गुट के साथ केंद्रीय मंत्रियों की चौथे दौर की बैठक चंडीगढ़ में रविवार की शाम छह बजे होगी।
उधर,बैठक से एक दिन पहले सिद्धूपुर गुट के अध्यक्ष जगजीत सिंह डल्लेवाल व किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने हरियाणा-पंजाब के शंभू बार्डर पर शनिवार को प्रेस कान्फ्रेंस कर कहा कि केंद्र सरकार एमएसपी पर अध्यादेश लाती है तो गतिरोध समाप्त हो सकता है। अध्यादेश के लिए छह माह का समय होता है।
रविवार की बैठक में कोई न कोई हल जरूर निकलेगा
बता दें कि इससे पहले केंद्रीय मंत्रियों से किसानों की तीन बैठकें अच्छे माहौल में हुईं, पर कोई हल नहीं निकला। अब संभावना जताई जा रही है कि रविवार की बैठक में कोई न कोई हल जरूर निकलेगा। डल्लेवाल और पंधेर ने कहा, हमें कहा जा रहा है कि लोकसभा चुनाव निकट हैं, अत: जो मांगें आपने रखी हैं, वह पूरी नहीं की जा सकती हैं। यह बातें अनुचित हैं।
किसान बोले-एमएसपी पर अध्यादेश लाए केंद्र
सरकार मामले का हल चाहती है तो तत्काल अध्यादेश लाए। अध्यादेश में कहे कि हम एमएसपी पर कानून बनाएंगे, तो ही बात आगे बढ़ सकती है। दूसरी मांग किसान मजदूरों के कर्जे समाप्त करना है। यह सभी सरकारी बैंक के हैं। सरकार अगर चाहे तो दो दिन में सारी रिपोर्ट उसकी मेज पर होगी। यह राजनीतिक इच्छाशक्ति का सवाल है। कहा जा रहा है, एमएसपी से मंहगाई बढ़ेगी। हमें गेहूं व धान पर एमएसपी मिल रही है,इसका संबंध महंगाई से कहां है।
खालिस्तानी समर्थकों वीडियो हुए वायरल
मोर्चा में कुछ खालिस्तानी समर्थकों के बयान के वीडियो प्रसारित होने के सवाल पर डल्लेवाल ने कहा, सरकार के पास बहुत बड़ा तंत्र है। वह हर तरह के, हर रूप के लोग हर जगह पर पैदा करने में सक्षम है। पिछली बार भी झूठी एसोसिएशन एकत्र कर सरकार ने कहा था कि हमारे पास 100 से ज्यादा यूनियन आई हैं, जिन्होंने कहा है कि खेती कानून लागू करो। हमारी यह इच्छा नहीं है कि हमे दिल्ली जाना है, हमारी इच्छा है कि सरकार ने जो वादे किए थे, उन्हें पूरा करे। हम यहां से वापस चले जाएंगे।
शंभू बार्डर पर पांचवें दिन भी युवाओं का उपद्रव रहा जारी
शंभू बार्डर पर पांचवें दिन भी युवाओं का उपद्रव जारी रहा। वे बार-बार हरियाणा सीमा की तरफ बढ़ते और नारेबाजी करते देखे गए। कुछ युवाओं की ओर से पत्थरबाजी किए जाने पर हरियाणा पुलिस ने उन पर आंसू गैस के गोले दागकर उन्हें खदेड़ा। दिनभर करीब तीन बार पुलिस को प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े। हालांकि, संगरूर के खनौरी और बठिंडा जिले के डबवाली में माहौल शांत रहा।
किसान यूनियनों में श्रेय लेने की लालसा या काडर के टूटने का डर
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक दल) के डल्लेवाल गुट के दिल्ली कूच के आह्वान और शंभू बार्डर पर मोर्चे से अब तक दूरी बनाए हुए दूसरे संगठन भी अब सक्रिय होने लगे हैं। इससे अब सवाल उठने लगे हैं कि ये किसान यूनियनों में श्रेय लेने की लालसा है या अपना काडर टूटने का डर।
ज्ञात हो, जिस प्रकार से केंद्र सरकार ने किसानों की मांगों का हल करने के लिए बैठकों का क्रम बढ़ाया है, उससे किसानों के दिल्ली कूच के निर्णय से दूर रहीं यूनियनों को लग रहा है कि अगर केंद्र ने किसानों की मांगें मान लीं तो सारा श्रेय संयुक्त किसान मोर्चा को मिल जाएगा।
शंभू बैरियर की स्थिति को लेकर कुछ किसान नाराज
दूसरा, पिछले पांच दिनों से शंभू बैरियर की स्थिति को लेकर कुछ किसान नाराज हैं। ऐसे किसान अपनी यूनियनों के नेताओं के आदेश की अवहेलना करके वहां पहुंच रहे हैं। शंभू बैरियर पर भाकियू लक्खोवाल से संबंधित किसान ने कहा, हमारी यूनियन के नेता कुछ भी कहें मैं साथियों के साथ यहां आ गया हूं।
भाकियू (उगराहां) के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां दो दिन पहले तक डल्लेवाल गुट की आलोचना कर रहे थे, लेकिन शुक्रवार को उन्होंने न केवल कूच का समर्थन कर दिया, बल्कि भााजपा के पंजाब अध्यक्ष सुनील जाखड़ और पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के घर का घेराव भी कर दिया। इतना ही नहीं, पंजाब के सभी टोल निश्शुल्क करवा िदए। 18 तारीख का भी टोल फ्री रखने की बात कही।
संयुक्त किसान मोर्चा (राजनीतिक) भी सक्रिय
वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा (राजनीतिक) भी सक्रिय हो गया है। 16 फरवरी को ग्रामीण भारत बंद का आह्वान करने के बाद इससे उपजी स्थिति का आकलन करने व रणनीति तय करने के लिए उसने अपने सभी संगठनों की रविवार को लुधियाना में बैठक बुलाई है। इस मोर्चा के नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा,किसानों की मांगों को आगे बढ़ाने के लिए अब क्या रणनीति बनाई जाए, इसके लिए नेशनल कन्फेडरेशन की बैठक जल्द होगी।