नई दिल्ली। बाल्टिक सागर के भीतर पत्थरों की एक किलोमीटर लंबी दीवार है, जो 10 हजार साल से भी ज्यादा पुरानी है। वर्ष 2021 में समुद्री तलछटी मैपिंग के दौरान इस प्राचीन ढांचे का पता चला था।
अब वैज्ञानिक इस अनुमान पर पहुंचे हैं कि पाषाण युगीन मानवों ने शायद रेंडियर के शिकार के लिए यह दीवार बनाई थी। हाल ही में यह रिपोर्ट ‘प्रोसिडिंग्स ऑफ दी नेशनल एकेडमी ऑफ साइंस’ में प्रकाशित हुई है।
1673 पत्थर से बनी है दीवार
पाषाण युग का यह ढांचा जर्मनी की मैकलेनबुर्ग खाड़ी के पास समुद्र में 21 मीटर की गहराई पर है। इसमें कुल 1,673 पत्थर गिने गए हैं, जो ऊंचाई में एक मीटर से भी कम हैं। करीब एक किलोमीटर लंबे इलाके में ये पत्थर साथ-साथ बिछे हुए हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह कुदरती नहीं है।
प्रीबोरियल युग में बनाई गई थी दीवार
वैज्ञानिकों का अनुमान है कि प्रीबोरियल युग में शिकारी मानवों ने इस दीवार का निर्माण किया होगा। 10,200 से 8,000 साल पहले का दौर प्रीबोरियल युग माना जाता है। इसी दौर में बाल्टिक बेसिन के भीतर पहली बार समुद्र का पानी घुसा था। बाल्टिक सागर, अटलांटिक महासागर का एक हिस्सा है। आज जहां बाल्टिक सागर है, वो इलाका पहले बर्फ की बेहद मोटी परत से ढका था।
पानी से ध्वनि ने बताया दीवार का पता
मैकलेनबुर्ग खाड़ी, बाल्टिक सागर के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से में है। बीते दशकों में यहां समुद्री सतह की बनावट और आकार को समझने के लिए कई शोध हुए हैं। ऐसे ही एक मैपिंग प्रोजेक्ट के दौरान जमा किए गए हाइड्रोअकूस्टिक (पानी में ध्वनि से जुड़ा अध्ययन) डाटा से इस प्राचीन ढांचे की जानकारी मिली। आगे की छानबीन के लिए शोधकर्ताओं का एक दल समुद्र की गहराई में पहुंचा है।