नई दिल्ली। 16 फरवरी यानि शुक्रवार को संयुक्त किसान मोर्चा ने सभी किसान संगठनों से एकजुट होकर भारत बंद का एलान किया है। संयुक्त किसान मोर्चा ने सभी किसान संगठनों से भारत बंद में शामिल होने की भी अपील की है। ये बंद आज सुबह 6 बजे से शुरू हो गया है और शाम 4 बजे तक जारी रहेगा।
किसान शुक्रवार को दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक देश की मुख्य सड़कों पर चक्का जाम करेंगे। वहीं, भारत बंद का एलान केंद्र सरकार द्वारा अपनी मांगों को पूरा करवाने के लिए किया गया है। बता दें कि भारत बंद का एलान तब किया गया है जब पंजाब से मार्च कर रहे सैकड़ों किसानों को अंबाला के पास हरियाणा की सीमा पर रोक दिया गया है। इसे ग्रामीण भारत बंद (Gramin Bharat Bandh) का नाम भी दिया गया है।
बंद के दौरान क्या सेवाएं होंगी प्रभावित?
राष्ट्रव्यापी बंद के दौरान आज कई सरकारी ऑफिस और प्राइवेट ऑफिस बंद रह सकते हैं। इसके अलावा आज परिवहन, कृषि गतिविधियां, महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) ग्रामीण कार्य, गांव की दुकानें, निजी कार्यालय, ग्रामीण औद्योगिक और सेवा क्षेत्र के संस्थान बंद रहने की संभावना है।
किन सेवाओं पर नहीं पड़ेगा भारत बंद का असर?
किसानों द्वारा राष्ट्रव्यापी बंद के दौरान कई ऐसी भी सेवाएं हैं जिन पर इसका असर देखने को नहीं मिलेगा। भारत बंद के दौरान इमरजेंसी सेवाएं, एम्बुलेंस, अखबार वितरण, विवाह, मेडिकल स्टोर्स, बोर्ड परीक्षा के लिए जाने वाले छात्र-छात्राएं, स्कूल और हवाई अड्डे आदि प्रभावित नहीं होंगे। बैंक कल खुले रहेंगे और सामान्य रूप से काम करेंगे। भारतीय रिजर्व बैंक के अवकाश मैट्रिक्स में यह भी कहा गया है कि बैंक खुले रहेंगे। फरवरी महीने में भारत में बैंक 10 दिन बंद रहेंगे। इन छुट्टियों में दूसरे और चौथे शनिवार के अलावा रविवार भी शामिल है।
किसानों की क्या हैं मांग?
किसान अपनी उपज के लिए एमएसपी की गारंटी देने वाले कानून की मांग को लेकर पंजाब और हरियाणा की सड़कों पर उतरे हुए हैं। वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत भी लिखा है। जिसमें कहा गया है कि फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य, खरीद की कानूनी गारंटी, कर्ज माफी, बिजली में कोई बढ़ोतरी नहीं करने की मांग की गई है।
इसके अलावा किसानों ने घरेलू उपयोग और दुकानों, खेती के लिए 300 यूनिट मुफ्त बिजली की भी मांग की है। व्यापक फसल बीमा और पेंशन में 10000 रुपए प्रतिमाह की बढ़ोतरी की भी मांग की है। वहीं, दूसरी ओर किसानों का ये भी कहना है कि सरकार द्वारा हमसे जो वादे किए गए थे उन्हें वो पूरा नहीं कर रही है इसलिए मजबूर होकर हमें ये आंदोलन करना पड़ रहा है।