जगदम्बा ने नष्ट किया था त्रिदेव का अभिमान, मां कात्यायनी मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का द्वितीय दिवस

महोली सीतापुर। सम्पूर्ण जगत मां भगवती से व्याप्त है। देवी पुराण में लिखा है ‘सर्व रूपमयी देवी सर्व देवी मयं जगत, अतः जिष्यामि भगवती मात्रं तथा‘। ब्रम्हा, विष्णु, महेश सबकी उत्पत्ति का कारण जगदम्बा हैं तथा सभी के अभिमान का नाश करने वाली देवी जगदम्बा हैं। कस्बे के शक्तिनगर में स्थित मां कात्यायनी के नवनिर्मित मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा आयोजन के दूसरे दिन रामेश्वरम धाम से पधारे भगवत कृष्ण शास्त्री ने देवी महात्म्य का बखान करते हुए यह सद्वचन कहे। उन्होेंने कहा कि एक बार ब्रम्हा, विष्णु, महेश आदि देवताओं ने अभिमान किया कि हम यह कार्य नहीं कर पाएंगे तब भगवती ने एक कलश दिखाया उसमें असंख्य कीड़े भरे हुए थे। मां भगवती ने कहा तुम्हारे पहले इसमें ब्रम्हा, विष्णु व महेश कई बार यह कार्य न करने के कारण मैंने उन्हें कीड़ा बना दिया। यह सुनते ही त्रिदेव का अभिमान नष्ट हो गया और उन्होंने जगदम्बा से क्षमा याचना की और अपने कार्य में लग गए। ऐसी है मां जगदम्बे की शक्ति व महिमा है। देवी माहत्म्य श्रवण के दौरान राज कुमार तिवारी, देवेंद्र मिश्र, राजीव मिश्र, ज्ञान प्रकाश शुक्ला, कैलाश चंद्र अवस्थी, शिवबरदानी शुक्ला समेत सैकड़ों की संख्या में पुरुष व महिला श्रद्धालु मौजूद रहे।

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