राजस्व विभाग की मनमानी से ,मछुआ समुदाय हो रहा रोजगार से वंचित।

जारी आदेशों को पलीता लगाते तहसील महोली के राजस्व कर्मी,निजी प्रलोभन व लाभ के लिए शिकायतों को करते हैं गलत तरीके से निस्तारित,शासनको पहुंचा रहे राजस्व क्षति।


निष्पक्ष प्रतिदिन संवाददाता
महोली सीतापुर।

प्रशासनिक अधिकारी व्यवस्था की रीढ़ होते हैं और सरकार की लोक कल्याणकारी योजनाओं को जनता तक ले जाने की जिम्मेदारी उनकी है ,साथ ही उन्हें निर्णय लेने में भी सक्षम होना चाहिए।प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा सम्बंधित अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किए जाते हैं, कि वह जनता की शिकायतों को गंभीरता से सुने और निस्तारण करें। जिस सम्बंध में जनपद के जिलाधिकारी द्वारा भी समय समय पर जनता की शिकायतों एवं समस्याओं को स्थानीय स्तर पर त्वरित एवं प्रभावी निस्तारण सुनिश्चित करने के उद्देश्य शासन के निर्देशानुसार तहसील व थाना स्तर पर संपूर्ण समाधान दिवस आयोजित किए जाते हैं ,तथा आई जी आर एस,मुख्यमंत्री हेल्पलाइन आदि के माध्यमों से प्राप्त शिकायतों पर गुणवत्तापरत निस्तारण सुनिश्चित करने हेतु व्यवस्था दी गई है ।ताकि जनता की व्यथा के रूप में प्राप्त शिकायत का समय से निस्तारण लोगों के दुख दर्द पर मरहम का काम कर सके परंतु स्थानीय तहसील स्तर पर अधिकारियों को प्राप्त शिकायत का समय से निस्तारण न होने के साथ अपने अधिनस्तो की गलत,झूठी व मनगढ़ंत आख्या से जहां एक और जनता की समस्याओं का निस्तारण नहीं हो पा रहा है। वही वह न्याय से वंचित हो रहे हैं, जिसका सीधा प्रभाव सरकार की न्याय प्रणाली व निष्पक्षता पर भी पड़ता है।
जानकारी हो कि कार्यालय उप जिलाधिकारी महोली के पत्रांक 5058/ मत्स्य पालन आवंटन /2023- 24/ 16.अक्टूबर 2023 के अनुसार आयोजित तालाब पट्टा शिविर 21.नवम्बर 2023 तथा 22 .नवम्बर 2023 को आयोजित किया गया था।जिसके अनुसार 2.00 हेक्टेयर से बड़े क्षेत्रफल के तालाबों का मत्स्य विभाग से पंजीकृत तथा मान्यता प्राप्त मत्स्य जीबी सहकारी समितियां को नीलामी के आधार पर ही 10 वर्षीय पट्टा दिया जाना था। नीलामी बोली करता एक से अधिक होने की स्थिति में नियमानुसार सार्वजनिक नीलामी में सर्वोच्च बोली बोलने वाले व्यक्ति को उक्त तिथि एवं समय से नीलाम किया जाना था। पत्र के अनुसार मत्स्य पालन के पट्टे के लगान का बकायदार व्यक्ति अथवा समिति को किसी भी दशा में मत्स्य पालन पट्टा देने हेतु बोली में शामिल नहीं किया जाएगा। जिसके आधार पर शिविर का आयोजन किया गया था। पत्र के क्रमांक 72 पर अंकित ग्राम सभा हाजीपुर परगना महोली के तालाब गाटा संख्या 435 क्षेत्रफल 10.631 हेक्टेयर जिसका आरक्षित बोली की धनराशि 1,06,310/-रुपए वार्षिक जिसके लिए मत्स्य जीवी सहकारी समिति लि0 महोली व मत्स्य जीवी सहकारी समिति लि0 चवाबेगमपुर ने आवेदन किया था।
चूकि चवाबेगमपुर समिति पर ग्राम सभा रायपुर व ग्राम सभा बेहडा के तालाबों सहित अन्य तालाबों के कई वर्षो का वार्षिक लगान लाखों की धनराशि राजस्व के रूप में बकाया है। जिसको समिति के जिम्मेदार व तहसील प्रशासन के लोग आपस में बंदर- बांट करके राजस्व क्षति पहुंचाकर स्वयं लाभ अर्जित करते हुए अपने भ्रष्टाचारी व तानाशाही रवैया से ग्राम सभा हाजीपुर के तालाब को आपसी तालमेल से 10 वर्ष के लिए मत्स्य जीबी सहकारी समिति लि0चवाबेगमपुर को करने के लिए प्रयासरत है। इस संबंध में मत्स्यजीवी सहकारी समिति के सदस्य द्वारा आई जी आर एस सं0-40015423083848 से शिकायत की गई तो लेखपाल विनय शुक्ला द्वारा जांच करते हुए पहले दिनांक 12 जनवरी 24 को मनगढ़ंत रिपोर्ट प्रस्तुत की गई जिसमें निष्कर्ष के रूप में कहा गया की समितियां की जांच बाद आवंटन किया जाएगा। वही दिनांक 31जनवरी 2024 को दोबारा मनगढ़ंत रिपोर्ट प्रस्तुत करके समस्या का निस्तारण करते हुए एक तरफ एक तरफ उच्च अधिकारियों को भ्रमित किया जा रहा है वहीं दूसरी तरफ मछुआ समुदाय को रोजगार से वंचित किया जा रहा है। व राजस्व विभाग के जिम्मेदार लोगों द्वारा अपने निजी प्रलोभन व लाभ के लिए राजस्व क्षति की जा रही है जिसका सीधा प्रभाव सरकार की न्याय प्रणाली व निष्पक्षता पर भी पड़ता है।

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