विस में गूंजा बलिया में सामूहिक विवाह का फर्जीवाड़ा
बलिया। 25 जनवरी को मनियर में हुए सामूहिक विवाह में फर्जीवाड़े का मुद्दा विधानसभा में उठा। विपक्षी समाजवादी पार्टी के नेता लालजी वर्मा ने सामूहिक विवाह में फर्जीवाड़े को लेकर प्रदेश सरकार पर जोरदार हमला किया।
उन्होंने सरकार को घेरते हुए कहा कि बलिया में हुए सामूहिक विवाह के लिए लगभग 535 जोड़े पंजीकृत थे। इसमें से आधा से अधिक अपात्र व्यक्तियों का चयन किया गया। इसमें मनियर से 179 चयनित जोड़ों में से 55 अपात्र थे। रेवती से 136 में से 50 अपात्र, बांसडीह से 124 में से 25 अपात्र मिले। हालांकि यहां अभी 23 लोगों की जांच नहीं हुई है। बेरुआरबारी ब्लाक में 133 चयनितों में से 86 अपात्र पाए गए। इसी तरह मैरीटार महिला विधायक का गांव है, जहां 29 चयनित में से सभी फर्जी पाए गए हैं। इस सामूहिक विवाह में बड़े पैमाने पर धांधली हुई है। उन्होंने कहा कि विवाह में वर-वधू दोनों का होना आवश्यक है, लेकिन इस विवाह कार्यक्रम में दुल्हन खुद ही अपने गले में वरमाला डालते पायी गई। बांसडीह विधायक का बिना नाम लिए कहा कि जिस वक्त यह विवाह सम्पन्न हो रहा था, स्थानीय विधायक भी ताली बजाते हुए पायी गई। कहा कि यह मुख्यमंत्री की बहुत ही महत्वपूर्ण योजना है, जिसमें लगभग 75 प्रतिशत अपात्र लोगों का विवाह कराया गया। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से नियम 56 के तहत इस मुद्दे को अविलंबनीय बताते हुए स्थगन कर चर्चा कराने की मांग की, ताकि सही तथ्य सामने आए। कहा कि जो भी अनियमितता करते हुए पाए जाएं या जिनके दबाव में अपात्र लोगों का चयन किया गया है, उन लोगों को इसमें मुल्जिम बनाया जाए, ताकि इस तरह की हिम्मत दोबारा कोई न कर पाए। इसी मुद्दे पर विधायक संग्राम यादव ने कहा कि बांसडीह की विधायक जिस गांव की हैं, उस गांव की पूरी सूची ही अपात्र बताई गई। इस सामूहिक विवाह में पहली बार बिना दूल्हे के दुल्हन अपने गले में वरमाला डालती दिखी। यह चमत्कारी सरकार ही कर सकती है। उत्तर प्रदेश पहला राज्य बन गया है, जहां बिना दूल्हे के दुल्हन की शादी हुई है। उन्होंने टोका-टोकी के बीच कहा कि जो लोग इसमें शामिल हों, उन पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।