नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में शुक्रवार देर रात एक बार फिर बवाल मच गया। चुनाव से पहले विश्वविद्यालय की जनरल बॉडी मीटिंग में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और वामपंथी संगठन के सदस्यों के बीच झड़प हो गई।
एबीवीपी और वाम दलों के छात्रों में मारपीट, कई घायल
बैठक में हंगामा करने का एक-दूसरे पर आरोप लगाते हुए एबीवीपी और वाम दलों दोनों ने मारपीट का दावा करते हुए बताया कि उनके सदस्य घायल हुए हैं। जेएनयू काउंसलर अनघा प्रदीप ने आरोप लगाया कि एबीवीपी कार्यकर्ता यूनिवर्सिटी की जनरल बॉडी मीटिंग को आगे नहीं बढ़ने दे रहे थे।
2019 के बाद हो रहे चुनाव
बता दें कि जेएनयू में 2019 के बाद चुनाव हो रहे हैं। जेएनयूएसयू छात्रों के लिए सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था है। 1200 हस्ताक्षर एकत्र करने के बाद विश्वविद्यालय की आम सभा की बैठक (यूजीबीएम) बुलाई गई थी।
एबीवीपी पर लगे हिंसा के आरोप
अनघा प्रदीप ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए एबीवीपी कार्यकर्ताओं पर कई आरोप लगाए। अनघा ने कहा कि इन कार्यकर्ताओं ने उस दौरान दुर्व्यवहार करना शुरू दिया था और वहां मौजूद लोगों के साथ धक्का-मुक्की करते हुए साउंड माइक सिस्टम को नियंत्रित करने का काम किया। उन्होंने आम छात्रों को भी पीटना शुरू कर दिया।
एबीवीपी ने कही ये बात
हालांकि, एबीवीपी जेएनयू के अध्यक्ष उमेश चंद्रा ने आरोप लगाया कि ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन और स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया के सदस्य उन्हें बैठक छोड़ने की धमकी दे रहे थे।
उमेश ने कहा कि वे लोग हमारे खिलाफ जातिसूचक टिप्पणियां कर रहे थे। हम चाहते थे कि कार्यवाही शांतिपूर्वक चले, इसलिए हमने हस्तक्षेप किया। यूजीबीएम आधी रात तक शुरू नहीं हुआ था। उन्होंने बताया कि लेफ्ट कार्यकर्ता कह रहे थे कि एबीवीपी कार्यकर्ताओं को यूजीबीएम छोड़ देना चाहिए पुलिस ने इस मामले में अभी तक शिकायत दर्ज नहीं की है।